by Ganesh_Kandpal
Sept. 13, 2024, 7:47 p.m.
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### हल्द्वानी में लगातार बारिश से तबाही: 57 मार्ग अवरुद्ध, एक व्यक्ति की मौत, जलभराव और आपूर्ति बाधित
#### भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
उत्तराखंड के हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में 11 सितंबर 2024 से शुरू हुई भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बारिश का यह सिलसिला 13 सितंबर तक बिना रुके जारी रहा, जिससे जिले की नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं और कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
जिला आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 11 से 12 सितंबर के बीच जिले में 60 मिलीमीटर और 12 से 13 सितंबर के बीच 91 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इस तरह दो दिनों में कुल 151 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। इतनी भारी बारिश ने पूरे जिले में तबाही का माहौल बना दिया है, जिससे लोगों की दिनचर्या पर बुरा असर पड़ा है।
#### मार्ग अवरुद्ध, यातायात प्रभावित
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जिले के प्रमुख मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। 12 सितंबर को 2 राष्ट्रीय राजमार्ग, 1 प्रमुख जिला मार्ग और 17 ग्रामीण मार्गों सहित कुल 20 मार्ग बंद हो गए थे। 13 सितंबर तक स्थिति और खराब हो गई, जिससे अब 1 राष्ट्रीय राजमार्ग, 9 अन्य राजमार्ग, 3 प्रमुख जिला मार्ग और 44 ग्रामीण मार्ग सहित कुल 57 मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। सड़कों के बंद होने से गांवों और शहरों के बीच संपर्क टूट गया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो चुकी है, और लोगों को आवाजाही में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
#### ई-रिक्शा दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत
भारी बारिश के बीच हल्द्वानी के मंडी चौराहे से सनी बाजार के बीच एक दुखद घटना हुई। तेज बारिश के कारण एक ई-रिक्शा पलट गया और नहर में गिर गया, जिससे 27 वर्षीय ललित मोहन, निवासी हरिपुर शिवदत्त की मौत हो गई। यह घटना प्रशासन और आम जनता के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि इस मौसम में सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।
#### नदियों का बढ़ता जलस्तर
बारिश से जिले की नदियों का जलस्तर भी खतरनाक रूप से बढ़ गया है। गौला बैराज से 71,698 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि कोसी बैराज में 32,087 क्यूसेक पानी बह रहा है। नंधोर नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ते हुए 44,950 क्यूसेक तक पहुंच गया है। नैनी झील का जलस्तर 11.8 फीट पर पहुंचने के बाद प्रशासन को इसके सभी गेट खोलने पड़े हैं। नदियों में पानी का प्रवाह बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, और प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
#### विद्युत और पेयजल आपूर्ति बाधित
भारी बारिश के कारण जनपद के कुछ क्षेत्रों में बिजली और पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। लालकुआं क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है, जिससे लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है। इसके साथ ही ओखलढुंगा बोरहाकोट क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हुई है, जिससे लोगों को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। पेयजल संकट ने स्थानीय निवासियों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
#### राहत कार्य: प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
प्रशासन ने इस स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कदम उठाए हैं। जलभराव की गंभीर स्थिति को देखते हुए, लालकुआं क्षेत्र से 75 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। इन लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है, जहां उनके भोजन, पानी और अन्य आवश्यकताओं की व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन की टीम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और सभी आवश्यक उपाय कर रही है ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित राहत पहुंचाई जा सके।
#### आगे की चुनौतियां
भारी बारिश और बढ़ते जलस्तर के कारण आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है और राहत कार्यों को प्राथमिकता दे रहा है, लेकिन लोगों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे समय में जलभराव, भूस्खलन और अन्य आपदाओं से बचने के लिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
इस स्थिति से उबरने के लिए प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग, और स्थानीय निवासी मिलकर काम कर रहे हैं।
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