नैनीताल में नशा मुक्ति पर कार्यशाला, युवाओं के सशक्तिकरण और मानसिक स्वास्थ्य पर जोर
October 18, 2024
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जनहित
उत्तराखंड: नैनीताल में ‘माइंड ओवर मैटर’ कार्यशाला: नशा मुक्ति और मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता
नैनीताल, 17 अक्टूबर 2024 (गुरुवार)।
नैनीताल पैरेंट्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से कुमाऊं विश्वविद्यालय के हर्मिटेज भवन में ‘माइंड ओवर मैटर’ विषय पर एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में नशे के बढ़ते प्रचलन और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। वक्ताओं ने नशीली दवाओं के प्रति जागरूकता और रोकथाम के उपायों पर बल दिया।
मुख्य वक्ता डॉ. गरिमा कांडपाल और डॉ. हर्षवर्धन पंत ने नशीली दवाओं के प्रकार, इनके दुरुपयोग के मापदंड और इसके अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में जानकारी दी।
संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल, मुख्य अतिथि के रूप में, अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए युवाओं को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में आने वाली चुनौतियों से न घबराने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, “जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए, हमेशा भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।”
एसपी सिटी हरबंस सिंह ने समाज में गलत आदतों से दूर रहने की अपील की।
वरिष्ठ पत्रकार अफजल हुसैन फौजी ने समाज में नशे के बढ़ते प्रचलन पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने अपने जीवन में धूम्रपान की लत से उबरने के अनुभव साझा करते हुए माता-पिता को बच्चों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी।
प्रमुख उपस्थिति और सहभागिता
इस कार्यक्रम में अध्यक्ष मनीष कुमार, सचिव शेली सूरी कृष्णानी, कोषाध्यक्ष निवेदिता मेहरोत्रा, डॉ. रीना सिंह, प्रो. अशोक कुमार, एकता जोशी, कुमकुम शर्मा, और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाया उत्साह
कार्यशाला के अंतर्गत स्कूली छात्रों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इसका विषय “नशे के खिलाफ युवा सशक्तिकरण और नशा मुक्त समाज” था।
• 13-16 आयु वर्ग:
• प्रथम: प्रियांशु तपोवर्धन (सनवाल स्कूल)
• द्वितीय: गर्वित नेगी (भारतीय शहीद सैनिक स्कूल)
• तृतीय: दीया आगरी (बीएसएसवी)
• 17-21 आयु वर्ग:
• प्रथम: विपिन चंद्र खंक्रियाल (सेंट जेवियर्स स्कूल)
• द्वितीय: हबीबा सिद्दीकी (सनवाल स्कूल)
• तृतीय: विनीता टम्टा (बीएसएसवी)
चित्रकला प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. रीना सिंह और ललित रहे।
यह कार्यशाला न केवल नशा मुक्त समाज बनाने की दिशा में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास था बल्कि युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
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