अधिकारियों के न पहुंचने पर ग्रामीणों ने किया शिविर का बहिष्कार, जताया आक्रोश
September 21, 2024
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सामान्य
उत्तराखंड: नैनीताल। भल्यूटी ग्राम पंचायत में जन समस्याओं के निस्तारण के लिए आयोजित शिविर में अधिकारियों के नहीं पहुंचने से ग्रामीणों ने गहरी नाराजगी जताई। ग्रामीणों ने शिविर का बहिष्कार कर प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया। अधिकारियों की ओर से अब इस क्षेत्र में दोबारा शिविर आयोजित करने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन ग्रामीणों में अभी भी गुस्सा बरकरार है।
**शिविर की योजना और ग्रामीणों की तैयारियां**
जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) ने 9 सितंबर को एक पत्र जारी किया, जिसमें भल्यूटी क्षेत्र में 20 सितंबर को जन समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारियों के भ्रमण और रात्रि विश्राम का कार्यक्रम तय किया गया था। इसके तहत एसडीएम समेत 13 विभागों के अधिकारियों के गांव आने की जानकारी ग्रामीणों को दी गई थी। इस खबर से गांव में उत्साह था और ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को अधिकारियों के सामने रखने के लिए तैयारियां शुरू कर दी थीं।
**अधिकारियों की अनुपस्थिति से गहरा आक्रोश**
शिविर के दिन, ग्रामीणों को उम्मीद थी कि प्रमुख विभागों के अधिकारी उनकी समस्याओं को सुनने आएंगे, लेकिन वहां केवल कुछ विभागीय कर्मचारी ही पहुंचे। अधिकारियों की अनुपस्थिति से नाराज ग्रामीणों ने तुरंत शिविर का बहिष्कार कर दिया और प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया। ग्राम प्रधान रजनी रावत ने कहा कि जब गांव की बैठकों में अधिकारी नहीं पहुंचते, तो समस्याएं उसी स्थिति में बनी रहती हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को उम्मीद थी कि वे अपनी समस्याएं सीधे अधिकारियों तक पहुंचा सकेंगे, लेकिन अधिकारियों के न आने से ग्रामीणों को भारी निराशा हुई।
**ग्रामीणों का विरोध और नाराजगी**
ग्राम प्रधान सडियाताल हरगोविंद सिंह, डिंपी वर्मा, लता साह, राम प्रसाद आर्य, अंकुर बोहरा, दिनेश गुरुरानी और लता साह सहित कई ग्रामीणों ने शिविर का बहिष्कार किया और अधिकारियों के न आने पर विरोध जताया। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और इस तरह के शिविरों में अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि गांव की समस्याएं सुनी जा सकें और उनका समाधान हो सके।
**प्रशासन का आश्वासन**
प्रशासन की ओर से प्रतिक्रिया आई है कि जल्द ही भल्यूटी क्षेत्र में दोबारा शिविर आयोजित किया जाएगा, ताकि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जा सके। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया कि अगली बार इस तरह की घटनाएं नहीं होंगी और सभी संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। हालांकि, ग्रामीणों में अभी भी नाराजगी है और वे तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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