कुमाऊं विश्वविद्यालय में ‘जनजातीय सांस्कृतिक विरासत एवं स्वदेशी प्रथाएं’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
April 08, 2025
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सामान्य
उत्तराखंड: नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के माता जिया रानी महिला अध्ययन केंद्र में ‘जनजातीय सांस्कृतिक विरासत एवं स्वदेशी प्रथाएं’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। संगोष्ठी के दूसरे दिन देश के विभिन्न राज्यों से आए शोधार्थियों व प्राध्यापकों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए और जनजातीय जीवन व पारंपरिक ज्ञान को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ।
प्रमुख संस्थानों से सहभागिता:
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, गढ़वाल विश्वविद्यालय, मिजोरम, लखनऊ, बरेली, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, रुद्रपुर, पिथौरागढ़, रामनगर, जामिया मिलिया इस्लामिया (दिल्ली) व अन्य संस्थानों से प्रतिभागी सम्मिलित हुए।
मुख्य वक्तव्य:
• प्रो. आराधना शुक्ला (पूर्व अध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, अल्मोड़ा) ने कहा कि जनजातियों की गहराई से समझ जरूरी है, और फील्डवर्क के बिना शोध अधूरा है।
• डॉ. संदीप बडोनी ने उत्तराखंड की जनजातियों, ताम्रपत्रों और सिरमौर-गढ़वाली राजाओं के संबंधों पर विस्तृत जानकारी दी।
• प्रो. संजय घिल्डियाल ने ट्राइबल स्टडी में एथनोग्राफिक अप्रोच को रेखांकित किया।
मुख्य अतिथि श्रीमती शांति मेहरा (उपाध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद, उत्तराखंड सरकार) ने कहा कि परंपरागत ज्ञान भारत की सांस्कृतिक विरासत की आत्मा है, और ऐसे शोध कार्यों में सरकार पूर्ण सहयोग करेगी।
संगोष्ठी का संचालन प्रो. ललित तिवारी व डॉ. किरण तिवारी ने किया, जबकि प्रो. नीता बोरा शर्मा (निदेशक, महिला अध्ययन केंद्र) ने अतिथियों का स्वागत किया।
‘हिटो हाट’ प्रदर्शनी रही आकर्षण का केंद्र
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित ‘हिटो हाट’ प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं और महिला समूहों ने हस्तनिर्मित उत्पादों का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. रजनीश पांडे (अध्यक्ष, कला संकाय) ने की। समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए और डॉ. किरण तिवारी ने आभार जताया।
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