भीमताल में रंगमंच कौशल विकास कार्यशाला का शुभारंभ
February 07, 2025
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सामान्य
उत्तराखंड: भीमताल में रंगमंच कौशल विकास कार्यशाला का शुभारंभ
भीमताल, 07 फरवरी 2025। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, भीमताल (नैनीताल) द्वारा रंगमंच प्रशिक्षण (कौशल विकास कार्यशाला) का शुभारंभ किया गया। यह कार्यशाला 7 फरवरी से 11 फरवरी 2025 तक शिक्षकों के लिए आयोजित की जा रही है, जिसमें रंगमंच और लोकसंस्कृति से जुड़ी विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
शुभारंभ कार्यक्रम में वरिष्ठ रंगकर्मी हरीश पांडे (हल्द्वानी), शम्भू दत्त साहिल (हल्द्वानी), मोहन जोशी (हल्द्वानी), मनमोहन चौधरी (अल्मोड़ा) और बृजमोहन जोशी (नैनीताल) ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला की शुरुआत की। इस अवसर पर मोहन जोशी द्वारा मां सरस्वती वंदना का गायन किया गया और शिक्षकों को भी इसका प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम में डॉ. ज्योतिर्मय मिश्र ने सभी प्रशिक्षकों का परिचय कराया, जबकि प्रधानाचार्य ने कार्यशाला के विधिवत शुभारंभ की घोषणा की। कार्यशाला के पहले दिन विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा की गई।
लोकसंस्कृति और रंगमंच की विस्तृत जानकारी
प्रशिक्षक बृजमोहन जोशी ने कुमाऊंनी लोकसंस्कृति के विभिन्न आयामों पर चर्चा की और पारंपरिक लोकचित्रकला ऐपण की जानकारी दी। वरिष्ठ रंगकर्मी हरीश पांडे ने रंगमंच की उत्पत्ति, नाट्यशास्त्र, शेक्सपियर, कालिदास, भारतेंदु हरिश्चंद्र से लेकर आधुनिक नाटकों के स्वरूप पर प्रकाश डाला।
प्रशिक्षक मोहन जोशी ने रंगमंच में लोकसंगीत की भूमिका पर चर्चा की और शिक्षकों को झोड़ा, छपेली, चांचरी, न्योली, बैर भगनौल जैसे पारंपरिक लोकगीतों की जानकारी दी। वहीं, प्रशिक्षक शम्भू दत्त साहिल ने शिक्षकों से यह महत्वपूर्ण प्रश्न किया कि लोकसंस्कृति को शिक्षा से जोड़ने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई?
कार्यशाला के पहले दिन प्रतिभागी शिक्षकों में विशेष उत्साह देखने को मिला। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें रंगमंच और लोकसंस्कृति की बारीकियों से अवगत कराया गया। आयोजकों का कहना है कि इस कार्यशाला से शिक्षकों को नाट्यकला और लोकसंस्कृति को शैक्षिक प्रणाली में शामिल करने में मदद मिलेगी।
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