सेंट जॉन्स स्कूल, नैनीताल में गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन**
October 02, 2024
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जनहित
उत्तराखंड: **सेंट जॉन्स स्कूल, नैनीताल में गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन**
सरोवर नगरी नैनीताल के प्रतिष्ठित सेंट जॉन्स स्कूल में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों में देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करना और गांधीजी के सिद्धांतों व शास्त्रीजी के आदर्शों का प्रचार-प्रसार करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की प्रधानाचार्या विनिता रावत द्वारा हुई, जिन्होंने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जीवन, उनके संघर्षों और देश के लिए दिए गए योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को इन महान व्यक्तियों के आदर्शों को अपनाने और उनके सिद्धांतों के आधार पर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित किया।
छात्रों ने निबंध लेखन, भाषण, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से गांधीजी के "सत्य और अहिंसा" और शास्त्रीजी के "जय जवान, जय किसान" जैसे विचारों को प्रस्तुत किया। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से उन्होंने इन महान नेताओं के सिद्धांतों को समझने और उनका अनुसरण करने की प्रेरणा प्राप्त की। छात्रों ने विशेष रूप से यह संदेश दिया कि आज की युवा पीढ़ी को इन मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर शांति और एकता की शपथ ली, जिससे एकता और सद्भाव का संदेश फैलाया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसने सभी को देश के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाई और एकजुटता का एहसास कराया।
इस विशेष अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या विनिता रावत के साथ अन्य शिक्षकगण पूनम बिष्ट, ज्योती त्रिपाठी, लता फर्त्याल रावत, किरण मेर, आशा जोशी, मोनिका आर्या, अनिता बोरा, रुचि साह, पल्लवी जोशी, साहिन, मोनिका वर्मा, विक्रम सिंह रावत, संजय कुमार, तुलसी, पूनम, रेणु आदि उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इस प्रकार, सेंट जॉन्स स्कूल ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती को एक प्रेरणादायक और यादगार कार्यक्रम के रूप में मनाया, जो छात्रों के मन में उनके सिद्धांतों के प्रति आदर और सम्मान को बढ़ाने में सहायक साबित हुआ।
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