गौला, कोसी, दाबका एवं अन्य नदियों का खनन कार्य ठेकेदार के माध्यम से नहीं होगा:एसएल पैट्रिक
December 18, 2023
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सामान्य
उत्तराखंड: इन दिनों हल्द्वानी में खनन कारोबारी गौला सहित प्रदेश की नदियों का निजीकरण किए जाने के विरोध में धरने प्रदर्शन पर हैं। अब निदेशक खनन एस०एल० पैट्रिक ने तस्वीर साफ़ की है। उन्होंने बताया कि कतिपय व्यक्तियों के द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार के द्वारा निविदा के माध्यम से ठेकेदार का चयन कर गौला, कोसी, दाबका एवं अन्य नदियों का खनन कार्य ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है, जोकि सरासर भ्रामक एवं निराधार है। राज्य सरकार के द्वारा केवल रायल्टी (Royalty)/अपरिहार्य माटक (Dead Rent) की वसूली हेतु ठेकेदार का चयन किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। जिसके अन्तर्गत ठेकेदार के द्वारा ना तो किसी खनन क्षेत्र में प्रवेश किया जायेगा, ना ही खनन कार्य में लगे वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया जायेगा और ना ही खनन पट्टों के खन्नें काटे जायेगें।
उत्तराखण्ड वन विकास निगम के द्वारा पूर्व की भांति गौला, कोसी, दाबका आदि खनन लॉटों हेतु वाहनों का पंजीकरण कराया जायेगा। चयनित ठेकेदार के द्वारा खनन क्षेत्र से बाहर केवल बाह्य क्षेत्रों में बिना रवन्ना के परिवहन कर रहे उपखनिज से सम्बन्धित वाहनों को चैक किया जायेगा तथा उक्त कार्य विभागीय प्रवर्तन दल एवं जिला प्रशासन के द्वारा भी पूर्ववत् की भांति किया जाता रहेगा, जिसमें अवैध खनन / अवैध खनिज परिवहन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। राज्य के मैदानी जनपदों यथा जनपद नैनीताल, उधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून के क्षेत्रान्तर्गत नदी में स्वीकृत खनन पट्टों से रायल्टी (Royalty) / अपरिहार्य भाटक (Dead Rent) वसूलने हेतु ई-निविदा सह ई-नीलामी के माध्यम से ठेकेदार के चयन किये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है, जिससे राज्य सरकार को सिर्फ रायल्टी के मद में रु० 300 करोड से अधिक एवं अन्य कर मिलाकर रू0 400 करोड से अधिक की राजस्व प्राप्ति होगी एवं अवैध खनन पर प्रभावी रोकथाम लगेगी तथा आम जन एवं राज्य सरकार की कार्यवाही संस्थाओं को सस्ते दरों उपखनिज की आपूर्ति होगी। उक्त प्रकार की प्रक्रिया देश के अन्य कई राज्यों यथा मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में पूर्व से ही लागू है।
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