नैनीताल:श्रीमद् देवी भागवत कथा के सातवें दिन देवी के महाकाल स्वरूप की महिमा का वर्णन
May 11, 2025
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सामान्य
उत्तराखंड: श्रीमद् देवी भागवत कथा के सातवें दिन देवी के महाकाल स्वरूप की महिमा का वर्णन
नैनीताल। श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के सप्तम दिवस पर व्यास देवेश चंद्र शास्त्री ने श्रद्धालुओं को देवी के विभिन्न रूपों एवं उनके दिव्य कार्यों का भावपूर्ण वर्णन सुनाया। उन्होंने बताया कि महिषासुर वध, चंडी के अवतार, और भक्तों पर देवी की कृपा आदि प्रसंग देवी की असीम शक्ति और उनकी न्यायप्रियता को दर्शाते हैं।
व्यास जी ने महाकाली, महालक्ष्मी, और महासरस्वती जैसे देवी के स्वरूपों का वर्णन करते हुए कहा कि ये रूप संसार में शक्ति, संपन्नता और ज्ञान की अधिष्ठात्री शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। देवी के इन रूपों की उपासना से भक्तों को बल, बुद्धि और भक्ति प्राप्त होती है।
उन्होंने कहा कि महिषासुर वध का प्रसंग दर्शाता है कि जब-जब अन्याय और अहंकार बढ़ता है, तब देवी शक्ति रूप में प्रकट होकर धर्म की स्थापना करती हैं। देवी की कृपा से ही भक्तों का कल्याण होता है और वे अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होते हैं।
आज के यजमान कविता गंगोली एवं मनोज साह रहे। कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से उपस्थित श्रद्धालुओं में:
मनोज साह, जगदीश बावड़ी, अशोक साह, बिमल चौधरी, मुकेश जोशी, राजेंद्र लाल साह, देवेंद्र लाल साह, हीरा सिंह, कैलाश बोरा, मिथिलेश पांडे, आनंद बिष्ट, हरीश पंत, राजेंद्र बिष्ट, बिमल साह, भुवन बिष्ट, मुन्नी भट्ट, जया पालीवाल, सुमन साह, मोहित लाल साह, भावना, पुष्पा बावड़ी, केदार सिंह राठौर, खुशहाल कार्की, हरीश राणा, धर्मेंद्र शर्मा, दर्शन, एडवोकेट मनोज साह, गोविंद सिंह, दिनेश भट्ट, एडवोकेट चक्रधर बहुगुणा, डॉ. मनोज बिष्ट, कमलेश ढौंडियाल, गिरीश भट्ट ‘जेठी’, प्रो. ललित तिवारी सहित अनेक श्रद्धालु शामिल हुए।
श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण इस आयोजन में श्रद्धालुओं ने देवी की महिमा का स्मरण करते हुए शक्ति, शांति और समृद्धि की कामना की
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