रामनवमी पर विशेष:राम नाम की महिमा अपरंपार, संपूर्ण सृष्टि में रमण करने वाला तत्व है श्रीराम”
April 06, 2025
•
284 views
सामान्य
उत्तराखंड: राम नवमी पर विशेष लेख: ललित तिवारी
“राम नाम की महिमा अपरंपार, संपूर्ण सृष्टि में रमण करने वाला तत्व है श्रीराम”
ॐ आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम्।
लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।
नैनीताल। श्रीराम नवमी का पर्व हिन्दू धर्म में अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और आस्था का प्रतीक माना जाता है। त्रेता युग में धर्म की स्थापना के लिए जब भगवान विष्णु ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के रूप में अवतार लिया, तब से लेकर आज तक राम नाम की महिमा कालातीत बनी हुई है।
श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न में हुआ माना जाता है। उस समय पांच ग्रह अपनी उच्च स्थिति में थे, और अधिकतर विद्वानों के अनुसार यह पावन जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था।
राम नाम का गूढ़ अर्थ
‘राम’ शब्द संस्कृत के ‘रम्’ और ‘घम्’ धातु से मिलकर बना है। रम् का अर्थ है ‘रमना’ यानी आत्मा में समा जाना और ‘घम्’ का अर्थ है सम्पूर्ण ब्रह्मांड का वह तत्व जिसमें सब कुछ व्याप्त हो। अतः राम वह तत्व हैं जो चराचर जगत में रमण करते हैं। यह नाम अग्नि बीज और अमृत बीज से बना है, जो आत्मा को शक्ति और चित्त को शांति प्रदान करता है।
रामचंद्र से लेकर राजीवलोचन तक
श्रीराम के कई नाम हैं—रामभद्र, रघुनाथ, कौशल्यानंदन, सीतावल्लभ, राजीवलोचन, रामदास, रामचरण आदि। प्रत्येक नाम उनके दिव्य गुणों और लोककल्याणकारी स्वरूप को प्रकट करता है।
राम — प्रेरणा के स्रोत
श्रीराम का जीवन त्याग, आदर्श, करुणा, धैर्य और मर्यादा की मिसाल है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा। वनवास, सीता हरण, युद्ध, भ्रातृ प्रेम—हर प्रसंग मानव जीवन के लिए प्रेरणा है।
राम नवमी का संदेश
आज के युग में जब मानवीय मूल्य और संवेदनाएं संकट में हैं, राम नवमी हमें याद दिलाती है कि जीवन में मर्यादा, धैर्य और धर्म ही सच्ची विजय का मार्ग है।
इस पावन अवसर पर हम सभी को श्रीराम का स्मरण करते हुए यही प्रार्थना करनी चाहिए:
“हे रघुनंदन, अपने भक्तों पर सदा अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें। हम सबको सत्य, संयम और करुणा के मार्ग पर चलने की प्रेणा दें
Comments
0 voicesLog in or sign up to comment
No comments yet. Be the first to share your thoughts!