उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नए पाठ्यक्रम और आधुनिक तकनीको पर ज़ोर
March 04, 2025
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सामान्य
उत्तराखंड: उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नए पाठ्यक्रम और आधुनिक तकनीकों पर जोर
देहरादून – उत्तराखंड में उच्च शिक्षा को अधिक प्रभावी, आधुनिक और उद्योगोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। सचिव उच्च शिक्षा डॉ. रंजीत सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद और विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत उच्च शिक्षा में आवश्यक सुधारों को लागू करना और छात्रों के लिए नए अवसरों का सृजन करना था।
बैठक में कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत, प्रो. ओ.पी.एस. नेगी, प्रो. एन.के. जोशी, प्रो. सुरेखा डंगवाल सहित कई वरिष्ठ शिक्षाविद शामिल हुए। साथ ही सेतु आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ. राज किशोर जोशी, उच्च शिक्षा सलाहकार डॉ. एम.एम.एस. रावत, डॉ. के.डी. पुरोहित समेत कुमाऊं विश्वविद्यालय और श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के प्रमुख शिक्षकों ने भी भाग लिया।
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय
1. नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम निर्माण – बैठक में यह तय किया गया कि जुलाई 2025 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र में NEP-2020 के अनुसार नए पाठ्यक्रम लागू किए जाएंगे। इसके लिए स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों को मार्च 2025 तक पूर्ण रूप से तैयार करने का निर्णय लिया गया।
2. आधुनिक तकनीकों का समावेश – उच्च शिक्षा को डिजिटल और तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, और डेटा साइंस जैसे विषयों को कोर्स में शामिल करने पर सहमति बनी।
3. एंटरप्रेन्योरशिप और स्किल-डेवलपमेंट पर जोर – छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ उद्योगों के अनुरूप कौशल विकास (Skill Development) और उद्यमिता (Entrepreneurship) की शिक्षा देने पर सहमति बनी। इससे छात्र स्नातक के बाद खुद के स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं या विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
4. शोध एवं नवाचार को बढ़ावा – राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शोध को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च ग्रांट और इंडस्ट्री से साझेदारी (Industry Collaboration) पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई।
5. डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा – विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन कोर्स, डिजिटल लाइब्रेरी और हाइब्रिड लर्निंग मॉडल को अपनाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों के छात्र भी उच्च शिक्षा से वंचित न रहें।
दिल्ली विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
बैठक में दिल्ली विश्वविद्यालय से आए शिक्षा विशेषज्ञों – डॉ. रत्ना वाली, प्रो. संजय राय, प्रो. मनीषा ने भी अपने सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण (Faculty Development Program) दिया जाना चाहिए और छात्रों के लिए इंटरडिसिप्लिनरी (Interdisciplinary) कोर्स शुरू किए जाने चाहिए।
उच्च शिक्षा सचिव डॉ. सिन्हा का बयान
डॉ. रंजीत सिन्हा ने कहा,
“हमारा उद्देश्य उत्तराखंड की उच्च शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। नई शिक्षा नीति के तहत हम छात्रों को उद्योगोन्मुखी और डिजिटल रूप से सशक्त बनाएंगे, ताकि वे न केवल नौकरी के लिए तैयार हों बल्कि स्वरोजगार और स्टार्टअप कल्चर को भी अपनाएं।”
उत्तराखंड के छात्रों को क्या लाभ मिलेगा?
1. आधुनिक तकनीकों की पढ़ाई – छात्रों को AI, डेटा साइंस, और मशीन लर्निंग जैसी उन्नत तकनीकों की शिक्षा मिलेगी।
2. नए कौशल और एंटरप्रेन्योरशिप की ट्रेनिंग – छात्र केवल नौकरी पर निर्भर नहीं रहेंगे बल्कि खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
3. रोजगार के नए अवसर – उद्योगों की जरूरत के अनुसार कोर्स तैयार किए जाएंगे, जिससे छात्रों को आसानी से रोजगार मिलेगा।
4. डिजिटल और ऑनलाइन लर्निंग का फायदा – दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों के लिए भी शिक्षा सुलभ होगी।
निष्कर्ष
यह बैठक उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में एक ऐतिहासिक बदलाव का संकेत देती है। NEP-2020 के क्रियान्वयन से छात्रों को आधुनिक शिक्षा, रोजगारपरक कौशल और डिजिटल लर्निंग के बेहतर अवसर मिलेंगे। मार्च 2025 तक नए पाठ्यक्रम तैयार होने के बाद, जुलाई 2025 से नई नीति के अनुरूप शिक्षा प्रणाली पूरी तरह लागू हो जाएगी। इससे राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की गुणवत्ता में सुधार होगा और उत्तराखंड का उच्च शिक्षा क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बनाएगा।
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