दुष्कर्म की घटना से आक्रोशित नैनीताल वासियों ने आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
May 01, 2025
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सामान्य
उत्तराखंड: दुष्कर्म की घटना से आक्रोशित नैनीतालवासियों ने कुमाऊं आयुक्त को सौंपा ज्ञापन, 15 सूत्रीय मांगों के साथ कड़ी कार्रवाई की अपील
नैनीताल, 1 मई
नैनीताल में मासूम बच्ची के साथ हुए वीभत्स दुष्कर्म की घटना के बाद गुरुवार को नगरवासी बड़ी संख्या में कुमाऊं आयुक्त कार्यालय पहुंचे और एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में 15 प्रमुख मांगों को शामिल किया गया है, जिनका उद्देश्य न केवल आरोपी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करना है, बल्कि नैनीताल की सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक संतुलन की रक्षा करना भी है।
ज्ञापन में प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
1. अपराधी की संपत्ति जब्त हो – आरोपी मोहम्मद उस्मान के खिलाफ कठोर दंड के साथ उसकी संपत्ति तत्काल जब्त करने की मांग की गई है, ताकि अपराधियों में भय का माहौल बने।
2. पुलिस प्रशासन की लापरवाही की जांच हो – आरोपी पूर्व में भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है, लेकिन पुलिस की ओर से समय पर कार्रवाई नहीं हुई। इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गई है।
3. बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन अनिवार्य हो – विशेष समुदायों से जुड़े असत्यापित किरायेदारों और मजदूरों की गहन जांच और सत्यापन की अपील की गई है।
4. राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा बने अवैध नागरिकों की पहचान – ज्ञापन में रोहिंग्या, बांग्लादेशी और पाकिस्तानी मूल के अवैध निवासियों को तत्काल क्षेत्र से हटाने की मांग की गई है।
5. नैनीताल को ‘संवेदनशील सांस्कृतिक क्षेत्र’ घोषित किया जाए – नगर की सांस्कृतिक मौलिकता और सामाजिक ताने-बाने की सुरक्षा हेतु विशेष संरक्षण नीति लागू करने की बात कही गई है।
6. आर्थिक अतिक्रमण पर निगरानी – ज्ञापन में कहा गया है कि एक विशेष समूह द्वारा अत्यधिक दाम देकर नगर की संपत्तियाँ खरीदी जा रही हैं, जिससे व्यापारिक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। इस पर जांच की मांग की गई है।
7. साइबर निगरानी हो – ऐसे तत्वों पर नजर रखने की मांग की गई है जो सांप्रदायिक भावनाएं भड़काकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यह मात्र एक औपचारिक पत्राचार नहीं, बल्कि जनता की पीड़ा और चिंता का प्रतिबिंब है। यदि इन मांगों पर शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई, तो जनता आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
ज्ञापन का अंतिम संदेश था:
“न्याय नहीं तो शांति नहीं!”
“नैनीताल की गरिमा की रक्षा हम सबका कर्तव्य है!”
इस मौके पर नगर के सामाजिक, धार्मिक और व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे
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