नैनीताल बैंक के कर्मचारी 27 अगस्त को हड़ताल पर, बैंक के भविष्य को लेकर बढ़ता आक्रोश
August 22, 2024
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जनहित
उत्तराखंड: **नैनीताल** - नैनीताल बैंक के कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं और अब 27 अगस्त को हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। कर्मचारियों का आरोप है कि बैंक ऑफ बड़ौदा, नैनीताल बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को 2017 से ही निजी हाथों में बेचने का प्रयास कर रहा है। इस मुद्दे को लेकर कर्मचारियों ने लोकसभा की याचिका समिति का भी सहारा लिया है।
**डिजिटल वेंचर और अंशधारिता विवाद**
कर्मचारियों का कहना है कि अंशधारिता कम करने के उद्देश्य से शुरू किए गए डिजिटल वेंचर पर बैंक के लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लेकिन, 16वीं लोकसभा की याचिका समिति की जांच में इस वेंचर में अनियमितताएं पाई गईं, जिसके कारण इसे बंद करना पड़ा। समिति ने 2018 में नैनीताल बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय की सिफारिश की थी, और 2020 में 17वीं लोकसभा की याचिका समिति ने भी इस विलय के लिए वित्त मंत्रालय को निर्देशित किया था।
**विलय पर अनिश्चितता**
हालांकि, इन सिफारिशों के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे कर्मचारियों में गहरा असंतोष है। इस मुद्दे को लेकर जनवरी माह में एक प्रतिनिधि मंडल ने सांसद अनिल बलूनी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से मुलाकात की थी, जहां वित्त मंत्री ने चुनाव के बाद इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
**कर्मचारियों की मांगें और आक्रोश**
नैनीताल बैंक स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव प्रवीण साह ने कहा कि बैंक के कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष अभय गुप्ता ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ नैनीताल बैंक का विलय ही कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने का एकमात्र उपाय है।
वहीं, अधिकारी संगठन के महासचिव पीयूष पायल ने कर्मचारियों की प्रमुख मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें नैनीताल बैंक को विनिवेश के नाम पर निजी हाथों में बेचना बंद करने, बैंक कर्मचारियों का सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने, सेवा शर्तों में एकतरफा बदलाव बंद करने और लोकसभा की याचिका समिति की सिफारिशों को लागू करने जैसी मांगें शामिल हैं।
कर्मचारियों का आंदोलन इस बात की ओर इशारा करता है कि बैंकिंग क्षेत्र में सरकार के नीतिगत निर्णयों के प्रति असंतोष बढ़ रहा है, और इस हड़ताल के बाद स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
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