“नगाड़े ख़ामोशहैं” का सफल मंचन,युग मंच के कलाकारों द्वारा शानदार अभिनय
December 19, 2022
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जनहित
उत्तराखंड: लोक कथाओं एवं लोक संस्कृति संगीत सामाजिक मुद्दों को अपनी लेखनी से जीवंत करने वाले जनकवि गिर्दा द्वारा नाटक “नगाड़े खामोश हैं” का मंचन युग मंच के कलाकारों द्वारा संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से नैनीताल के शैले हॉल में रविवार को किया गया। नाटक का नाट्य रूपांतरण प्रदीप पांडे द्वारा किया गया है। युग मंच के आधार स्तंभ जहूर आलम के निर्देशन में संगीत निर्देशन नैनीताल के प्रसिद्ध संगीतकार नवीन बेगाना तथा सहायक निर्देशक के रूप में जितेंद्र बिष्ट, भास्कर बिष्ट एवं मनोज कुमार द्वारा योगदान दिया गया।
नाटक में ऐतिहासिक पात्रों को जीवंत रूप देते हुए महारानी भद्रा की भूमिका में अदिति खुराना, रानी रूपाली की भूमिका में ज्योति धामी, लली दुध केला के ऐतिहासिक किरदार में संगीता बिष्ट, बफौल माता में रिचा सनवाल, सहित लता त्रिपाठी, अवंतिका नेगी का अभिनय देखने योग्य रहा। पुरुष पात्रों में डांगरिया की भूमिका में दीपक टम्टा, रमौलिया एवं मल्ल के रूप मे मनोज कुमार एवं डॉ. मोहित सनवाल, राजा काली चंद की भूमिका में दीपक सहदेव, मंत्री के रूप में अमित शाह, देव के रूप मे मनोज कुमार चौनियाल, सैनिक के रूप में सुरेश चंद्र बिनवाल सहित राज कवि की भूमिका में वरिष्ठ कलाकार भास्कर बिष्ट का अभिनय यादगार रहा।
नाटक को मूर्त रूप देने में नेपथ्य से संगीत पक्ष में नवीन बेगाना के नेतृत्व में संजय कुमार, रवि नेगी, अमन महाजन, भुवन कुमार राजू आर्या सहित कोरस टीम में संगीता बिष्ट, भूमिका टम्टा, रिचा सनवाल, पूजा आर्या, हर्ष सहदेव, आकाश आदि द्वारा योगदान दिया जा रहा है।
प्रस्तुति को उत्कृष्ट बनाने में विभिन्न विभागों में सुनील कुमार, इंतखाब आलम, हेमंत मेहरा, अशोक कंसल, डॉ.हिमांशु पांडे, अभिषेक आदि द्वारा योगदान दिया जा रहा है। जबकि प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से डीएसए, शारदा संघ, नैनीताल क्लब आदि के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का सहयोग मिल रहा है। कार्यक्रम का संचालन राज्य कवि हेमंत बिष्ट द्वारा किया गया। नगाड़े खामोश हैं एक लोक धर्मी एवं प्रयोग धर्मी राजनीतिक नाटक है। विख्यात रंग कर्मी गिरीश तिवारी “गिर्दा” ने बफौलो की गाथा को आज के संदर्भ में और सम सामयिक राजनीतिक स्थितियों को केंद्र में रखते हुए लिखा है। सरोवर नगरी में कलाप्रेमी दर्शकों द्वारा दमदार अभिनय एवं अति विशिष्ट संगीत के लिए नाटक को विशेष रूप से सराहा गया।
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