कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग की, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
March 26, 2025
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जनहित
उत्तराखंड: कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग की, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) ने उत्तराखंड सरकार द्वारा कर्मचारियों के नियमितीकरण की नियमावली बनाए जाने का स्वागत किया है। संघ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर विश्वविद्यालय में वर्षों से कार्यरत संविदा/अतिथि शिक्षकों और कर्मचारियों को भी इस नियमावली में शामिल करने की मांग की है।
संघ के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी और महासचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के विभिन्न परिसरों में कई शिक्षक 15 वर्षों से अधिक समय से सेवा दे रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें नियमित करने की कोई ठोस नीति नहीं बनी है। कूटा ने मांग की है कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप दस वर्षों से अधिक सेवा कर चुके संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए और कट-ऑफ डेट 2025 तय की जाए।
कूटा ने शिक्षकों के वेतन को लेकर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। संघ का कहना है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा ₹57,700 प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया है, लेकिन कुमाऊं विश्वविद्यालय के संविदा शिक्षकों को इससे काफी कम वेतन मिल रहा है। कूटा ने मांग की है कि जब तक नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक सभी शिक्षकों को UGC के नियमानुसार वेतन दिया जाए।
इसके अलावा, संघ ने अधिवक्ता राजेंद्र परगांई की माता श्रीमती केशवी देवी (77), अधिवक्ता मनमोहन नयाल एवं खिलाड़ी भूपल नयाल की माता श्रीमती गोविंदी नयाल (92) के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
कूटा ने सरकार से शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा जताते हुए कहा कि शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से लिया जाए ताकि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित न हो।
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