कुमाऊं आयुक्त ने जिला कलेक्ट्रेट का वार्षिक निरीक्षण किया, कार्यप्रणाली में सुधार के निर्देश
December 13, 2024
•
349 views
जनहित
उत्तराखंड: कुमाऊं आयुक्त और मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट का वार्षिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने डीएम/एडीएम कोर्ट, पर्वतीय और मैदानी रिकॉर्ड रूम, खनन पटल, और सीआरए सेक्शन सहित विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली का आकलन किया। कई स्थानों पर खामियां मिलने पर आयुक्त ने नाराजगी जताई और अधिकारियों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए।
डिजिटलीकरण पर जोर
आयुक्त ने रिकॉर्ड रूम का निरीक्षण करते हुए निर्देश दिया कि रिकॉर्ड रूम के एक सेक्शन को डिजिटाइज किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि एक सेक्शन का डिजिटलीकरण सफलतापूर्वक होता है, तो अन्य सेक्शन को भी इसी प्रक्रिया के तहत डिजिटल किया जा सकेगा। इससे कागजी कार्यवाही में कमी आएगी और रिकॉर्ड तक पहुंच आसान होगी।
एडीएम कोर्ट में खामियां और निर्देश
निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के कोर्ट में कई खामियां सामने आईं। आयुक्त ने पाया कि:
• कई मामलों में निर्णय के बावजूद आदेश जारी नहीं किए गए।
• दीवान सिंह बनाम नसरीन नामक एक वाद का 12 मई 2024 को निर्णय हो गया था, लेकिन अभी तक आदेश जारी नहीं हुए हैं।
• कई ऑर्डर शीट पर पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे।
आयुक्त ने डीएम को निर्देश दिया कि एडीएम और पेशकार को शोकॉज नोटिस जारी किया जाए। साथ ही कोर्ट मामलों की सुनवाई, आदेश जारी करने, और ऑर्डर शीट पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक माह का समय दिया गया। उन्होंने कहा कि वादी को पर्याप्त अवसर देने के बाद भी अगर वह पेश नहीं होते हैं, तो उन वादों का निस्तारण जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए।
डीएम कोर्ट की व्यवस्था सराहनीय
जिलाधिकारी कोर्ट के निरीक्षण के दौरान सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित पाई गईं।
• सभी लंबित वाद आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज थे।
• ऑर्डर शीट में पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर नियमित पाए गए।
हालांकि, कोर्ट में अभी भी कुछ मामले लंबित हैं, जिनमें गुंडा एक्ट के 69 मामले, 210 के 79 मामले, और आबकारी अधिनियम के 69 मामले शामिल हैं।
खनन पटल पर लापरवाही
खनन पटल के निरीक्षण में यह सामने आया कि जिलाधिकारी के आदेशों के बावजूद आरसी (रॉयल्टी प्रमाणपत्र) जारी नहीं किए जा रहे हैं। इस पर आयुक्त ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और मौके पर संबंधित पटल सहायक से स्पष्टीकरण तलब किया। उन्होंने यह भी कहा कि चालानी कार्रवाई और आदेश जारी होने के बाद तय समय सीमा में धनराशि जमा कराई जाए, ताकि सरकार को राजस्व हानि न हो।
रिकॉर्ड रूम के लिए निर्देश
आयुक्त ने रिकॉर्ड रूम के निरीक्षण के दौरान नकल के लिए आवेदन प्रक्रिया को व्यवस्थित करने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि नकल के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों का:
• फोन नंबर,
• तारीख,
• और हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से लिया जाए।
अधिकारियों को नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश
आयुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नियमित मॉनिटरिंग करें और अपने-अपने पटल पर कार्यप्रणाली में सुधार लाएं। उन्होंने डीएम को निर्देश दिया कि एडीएम कोर्ट का पुनः निरीक्षण एक महीने के भीतर करें।
उपस्थित अधिकारी
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी वंदना सिंह, अपर जिलाधिकारी फिंचाराम चौहान और शिवचरण द्विवेदी, एसडीएम प्रमोद कुमार, और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
विशेष निर्देश:
आयुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी कार्य समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से हों, ताकि आम जनता को सरकारी सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सके।
Comments
0 voicesLog in or sign up to comment
No comments yet. Be the first to share your thoughts!