कैंची धाम आने वाले भक्त बाबा के आशीर्वाद से झोली भरकर ही जाते है , चमत्कार की अनेक कहानियाँ
June 13, 2023
•
516 views
जनहित
उत्तराखंड: नीम करौली बाबा या नीम करौरी बाबा या महाराजजी की गणना बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में होती है।इनका जन्म स्थान ग्राम अकबरपुर जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश है जो कि हिरनगाँव से 500 मीटर दूरी पर है। नैनीताल से १८ और भवाली से ७ किलोमीटर की दूरी पर स्थित नीम करोली बाबा का निवास स्थान है, जिसे कैंची धाम कहा जाता है. कहते हैं इस जगह के प्रताप और बाबा नीम करोली के वरदान से यहां आने वाला भक्त अपनी झोलियां भरकर ही जाता है. हर साल 15 जून को कैंची धाम के बड़े स्तर पर भंडारे का आयोजन होता है. कहते हैं 1964 में इसी दिन कैंची धाम में बाबा नीम करोली ने हनुमान मंदिर में प्रतिमा की प्रतिष्ठा की थी.
अनोखी कहानी हुआ था चमत्कार
अंग्रेजो के समय की बात है जब बाबा फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट ट्रेन में सफर कर रहे थे लेकिन उनके पास टिकट नहीं था। लेकिन जब टीसी आया तो उसने बाबा को अगले स्टेशन नीम करोली में उतार दिया। बाबा का क्या था बाबा अपना चिमटा धरती में गड़ाकर बैठ गए तो फिर रेल के ऑफिसर्स ने रेल को चलाने के लिए कहा और गार्ड ने हरी झंडी दिखा दी लेकिन खूब प्रयत्न के बार भी रेल थोड़ी सी भी आगे नहीं डिगी।
लेकिन जब भरसक प्रयास करने के बाद भी रेल नही बढ़ी तो एक लोकल मजिस्ट्रेट जो बाबा को जानता था उसने रेल ऑफिसर से कहा की बाबा से माफी मांगकर उन्हे अंदर बैठा लो जैसी ही बाबा बैठे ट्रेन चल पड़ी तब से इनका नाम नीम करोली बाबा पड़ा। बाबा की अनेकों चमत्कार हैं जिसको लोगो ने अपनी आँखों से देखा है
Comments
0 voicesLog in or sign up to comment
No comments yet. Be the first to share your thoughts!