चार्टन लॉज में हुए भूस्खलन के बाद विधायक और जन्मान्य ने की ज़िलाधिकारी से की मुलाक़ात
September 26, 2023
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जनहित
उत्तराखंड: जिला कार्यालय नैनीताल में आवागढ़ स्थित चार्टन लॉज में हुए दिनांक 23 सितम्बर 2023 को हुए भूस्खलन की घटना के उपरान्त प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी से विधायक नैनीताल सरिता आर्या व नैनीताल के जनमान्य लोगों ने भेट की और भूस्खलन की घटना के उपरान्त प्रशासन द्वारा त्वरित रूप से किये गये राहत कार्यों की सराहना करते हुए स्थानीय लोगों में उत्पन्न शंकाओं के बारे में अपनी बात रखी।
जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि प्रशासन की सजगता एवं तत्परता के फलस्वरूप जैसे ही प्रातः 8 बजे से 8.15 बजे के लगभग उक्त क्षेत्र में कुछ पत्थर गिरने आदि की सूचना प्राप्त हुई तत्काल मौके पर नायब तहसीलदार एवं क्षेत्रीय पटवारी द्वारा खतरे की स्थिति भांपते हुए आसपास के भवनों को खली कराया गया जिससे कोई भी जनहानि नहीं हुई ।भूस्खलन के उपरान्त प्रशासन की प्राथमिकता उक्त क्षेत्र की संवेदनशीलात को न्यून करना है जिसके दृष्टिगत वर्तमान में ऐसे स्थान / दरारें जहाँ से पानी का रिसाव हो सकता है, को तारपोलीन से पूरी तरह से ढका गया है एवं पहाड़ी के ढलान पर न्यूनतम भार डालते हुए जीयो बैग्स के माध्यम से तात्कालिक सुरक्षात्मक कार्य कराए जा रहे हैं। पहाड़ियों में हो रही सिंकिंग आदि रूकने के उपरान्त Settle होने के बाद ही पक्की दीवार / स्थाई निर्माण का कार्य कराया जाएगा। ऐसे भवन जो कि निकट भविष्य में खतरे की जद में आ सकते है, पर सुरक्षा / संवेदनशीलता के दृष्टिगत लाल निशान लगाते हुए इन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराया गया है तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा विस्तृत डी. पी. आर. गठित करने की कार्यवाही की जा रही है।
जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त भूस्खलन की उच्च तकनीकी संस्थानों आई0आई0टी0, टी0एच0डी0सी0, UKLMMC आदि के माध्यम से सर्वेक्षण कराए जाने हेतु सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, उत्तराखण्ड शासन से अनुरोध किया जाएगा। बताया गया कि उक्त क्षेत्र विगत कई वर्षों से ही अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित है तथा वर्ष 2003 में ही 148 भवनों को अवैध निर्माण कराए जाने पर प्राधिकरण द्वारा नोटिस दिए गए हैं। स्थानीय लोगों द्वारा भी क्षेत्र की संवेदनशीलता के दृष्टिगत उक्त क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण कार्यों को रोका जाना चाहिए तथा जिन व्यक्तियों द्वारा अवैध निर्माण किये गये है उन्हे स्वतः ही उन निर्माण को हटा लिया जाना चाहिए ताकि क्षेत्र की संवेदनशीलता को कम किया जा सके। इस हेतु स्थानीय लोगों को और अधिक जागरूक होकर ऐसे करने वाले लोगों को निर्माण से रोका जाना चाहिए।
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि प्रशासन द्वारा लोगों को सजग करने हेतु खतरनाक लग रहे भवनों के चिन्हीकरण की कार्यवाही की गई है। प्रतिनिधियों द्वारा अनुरोध किया गया कि कतिपय लोग क्षेत्र में अफवाह फैला रहे हैं जिससे जनता में भय व्याप्त हो रहा है, ऐसे लोगों का चिन्हीकरण करते हुए कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया गया। प्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया कि वे स्वयं भी स्थानीय जनता में सही तथ्यों को प्रसारित करें ताकि किसी प्रकार की अफवाह की स्थिति उत्पन्न न हो।
जिलाधिकारी द्वारा भूस्खलन से प्रभावित परिवारों के अनुमन्य अहैतुक सहायता एवं ऐसे परिवार जो कि अन्य किराए के भवनों में शिफ्ट हुए हैं, को भवन किराया मद में अनुमन्य सहायता तत्काल प्रदान किये जाने हेतु उप जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए। प्रतिनिधियों द्वारा उक्त क्षेत्र में जल निकासी एवं सीवरेज की सुचारू व्यवस्था हेतु विस्तृत ड्रेनेज प्लान की आवश्यकता के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने बताया कि तकनीकी एजेंसी के माध्यम से प्लान तैयार कराया जाएगा परन्तु प्लान की आवश्यकता के अनुसार स्थानीय लोगों को नाली / नालों / सीवर लाईनों हेतु जगह / भूमि उपलब्ध करानी होगी। प्रतिनिधियों द्वारा स्वयं एक दल बनाकर क्षेत्र में चिन्हित अवैध निर्माण करने वाले व्यक्तियों से अवैध निर्माण हटाए जाने हेतु सम्पर्क करते हुए समझाया जाएगा।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि/रा) फिंचा राम चौहान, उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार, सांसद प्रतिनिधि गोपल रावत, मनोज जोशी, दया शंकर पोखरिया, मण्डल अध्यक्ष आनन्द बिष्ट, दीपक मेलकानी, बबीता उप्रेती, अधिशासी अभियंता लोनिवि रत्नेश सक्सेना , जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार व अन्य मौजूद थे।
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