डीएसबी कॉलेज: भारतीय शास्त्रीय संगीत संध्या में गूंजे रागों के मधुर सुर
March 19, 2025
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सामान्य
उत्तराखंड: भारतीय शास्त्रीय संगीत संध्या में गूंजे रागों के मधुर सुर
नैनीताल, 19 मार्च 2025: कुमाऊँ विश्वविद्यालय के डी.एस.बी. परिसर स्थित संगीत विभाग में आयोजित भारतीय शास्त्रीय संगीत संध्या के पाँचवें संस्करण में सुरों की अनुपम छटा बिखरी। इस आयोजन में सुप्रसिद्ध युवा कलाकार श्री सिद्धांत नेगी के सुरों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का आयोजन संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गगनदीप होठी के नेतृत्व में संचालित KU-IFR परियोजना के तहत किया गया। इस संगीतमयी संध्या में कला संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. रजनीश पांडे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
रागों और भजनों ने मोहा मन
कार्यक्रम की शुरुआत श्री सिद्धांत नेगी द्वारा प्रस्तुत राग कोमल ऋषभ आसावरी से हुई। उनकी सधी हुई प्रस्तुति में सुरों की गहराई और राग की बारीकियों ने श्रोताओं को भारतीय शास्त्रीय संगीत के अद्भुत संसार में ले जाने का अनुभव कराया। इसके बाद प्रस्तुत राग शुद्ध सारंग ने संगीतमय माहौल को और भी मधुर बना दिया।
कार्यक्रम के अगले चरण में प्रस्तुत भक्ति संगीत में श्री नेगी ने अत्यंत भावपूर्ण ढंग से दो भजन — “अरज करे मीरा राकड़ी” (मीरा बाई) और “अवधूता गगन घटा गहरानी” (कबीर दास) का सधा हुआ गायन किया। उनकी उत्कृष्ट अभिव्यक्ति और भावनात्मक गहराई ने श्रोताओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया।
संगत कलाकारों ने बढ़ाई शोभा
श्री नेगी के साथ तबले पर श्री स्मित तिवारी ने अपनी शानदार संगत से प्रस्तुति में चार चांद लगा दिए। ऑल इंडिया रेडियो के ‘ए’ ग्रेड कलाकार एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ युवा पुरस्कार विजेता श्री तिवारी ने अपनी लयकारी और बोलों की स्पष्टता से सभी को प्रभावित किया।
वहीं, हारमोनियम पर श्री गौरव बिष्ट ने अपनी मधुर संगत से गायन को और अधिक प्रभावी बनाया। श्री बिष्ट ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्रीमती विनीता पांडे तथा पं. चंद्रशेखर तिवारी के निर्देशन में प्राप्त की है।
कलाकारों का सम्मान
कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि प्रो. रजनीश पांडे और सभी कलाकारों को ड्राइंग एवं पेंटिंग विभाग की छात्रा खुशी उप्रेती द्वारा बनाए गए आकर्षक पोर्ट्रेट स्केच भेंट किए गए।
संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गगनदीप होठी ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी कलाकारों, श्रोताओं एवं विशेष रूप से मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त किया।
यह आयोजन भारतीय शास्त्रीय संगीत के संवर्धन में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हुआ, जिसमें संगीत प्रेमियों ने आनंदित होकर इस संगीतमय संध्या की भरपूर सराहना की।
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