बीडी पांडे अस्पताल में नि:शुल्क हुआ कूल्हे की हड्डी का प्रत्यारोपण, मरीज को मिली राहत
September 21, 2024
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जनहित
उत्तराखंड: *डेढ़ से दो लाख रुपये के ऑपरेशन को आयुष्मान योजना के तहत किया गया नि:शुल्क*
नैनीताल। बीडी पांडे अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र रावत और उनकी टीम ने 75 वर्षीय देव सिंह बोरा का कूल्हे की हड्डी (बॉल) प्रत्यारोपण करने में सफलता प्राप्त की है। आमतौर पर डेढ़ से दो लाख रुपये का खर्च वाला यह जटिल ऑपरेशन आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क किया गया, जिससे मरीज और उनके परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के प्रति गहरा आभार जताया है।
बेतालघाट निवासी देव सिंह बोरा (75) तीन सप्ताह पहले गांव में गिरने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस दुर्घटना में उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई थी, जिससे वे असहनीय दर्द से जूझ रहे थे और न तो उठ बैठ पा रहे थे, न ही चलने-फिरने में सक्षम थे। परिजन उन्हें पहले रानीखेत के अस्पताल ले गए, जहां से उन्हें हायर सेंटर जाने की सलाह दी गई। लेकिन हल्द्वानी के निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च करीब डेढ़ से दो लाख रुपये होने के कारण परिवार ने हार मान ली और मरीज को घर पर ही दर्द सहने के लिए छोड़ दिया गया।
**बीडी पांडे अस्पताल में सफल इलाज**
परिजनों को किसी ने बीडी पांडे अस्पताल, नैनीताल में इलाज कराने की सलाह दी। वहां आने के बाद, डॉ. नरेंद्र रावत के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने मरीज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। दो घंटे चले इस ऑपरेशन में मरीज की कूल्हे की टूटी हुई हड्डी (बॉल) को बदला गया। डॉ. रावत ने बताया कि यह ऑपरेशन आमतौर पर डेढ़ से दो लाख रुपये में होता है, लेकिन आयुष्मान कार्ड के चलते यह ऑपरेशन पूरी तरह नि:शुल्क किया गया।
ऑपरेशन के दौरान टीम में डॉ. यति उप्रेती, सिस्टर देवकी, और हेमंत कुमार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑपरेशन सफल रहा और अब मरीज की स्थिति स्थिर है। वे धीरे-धीरे सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं।
ऑपरेशन की सफलता और नि:शुल्क इलाज मिलने से देव सिंह बोरा और उनके परिवार में खुशी की लहर है। उन्होंने बीडी पांडे अस्पताल और आयुष्मान योजना के तहत मिले नि:शुल्क इलाज के लिए गहरा आभार व्यक्त किया। परिवार ने कहा कि यदि यह योजना न होती तो आर्थिक तंगी के कारण उनका इलाज संभव नहीं हो पाता।
इस सफल ऑपरेशन से बीडी पांडे अस्पताल ने न केवल अपनी चिकित्सा सेवाओं में एक और उपलब्धि जोड़ी, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए भी राहत का रास्ता खोला है।
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