नैनीताल:स्थानीय मूल निवासियों से संपत्ति दस्तावेज मांगना अनुचित: हरीश सिंह राणा
May 16, 2025
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जनहित
उत्तराखंड: स्थानीय मूल निवासियों से संपत्ति दस्तावेज मांगना अनुचित: नैनीताल पुलिस को सत्यापन की प्रक्रिया पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए — हरीश सिंह राणा
नैनीताल, 16 मई 2025 – उत्तराखंड में बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन को लेकर चलाए जा रहे राज्यव्यापी अभियान के तहत नैनीताल नगर क्षेत्र में पुलिस द्वारा स्थानीय स्थायी निवासियों से भी संपत्ति के दस्तावेज मांगे जाने पर सवाल खड़े हो गए हैं। अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता हरीश सिंह राणा ने इस प्रक्रिया पर गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा है कि स्थानीय मूल निवासियों को बाहरी व्यक्तियों की श्रेणी में रखकर सत्यापन किया जाना अनुचित, असंवेदनशील और प्रशासनिक अस्पष्टता का संकेत है।
श्री राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चल रहे सत्यापन अभियान का उद्देश्य बाहरी तत्वों द्वारा राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक बनावट में हस्तक्षेप से सुरक्षा प्रदान करना है, लेकिन स्थानीय उत्तराखंड मूल के नागरिकों से जमीन की रजिस्ट्री, खाता-खतौनी, एवं निवास प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज मांगना सरासर गलत है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पुलिस प्रशासन के पास स्थानीय संपत्ति दस्तावेजों की जांच का वैधानिक अधिकार है?
उन्होंने यह भी कहा कि सत्यापन फार्म में प्रयुक्त भाषा अत्यंत आपत्तिजनक है। फार्म के दूसरे पृष्ठ में “संदिग्ध व्यक्ति एवं उसके परिजनों की उंगलियों के निशान” जैसे शब्द स्थानीय नागरिकों को अपराधियों के समान दर्ज करने जैसा प्रतीत होता है, जो पूरी तरह अनुचित और असंवेदनशील है।
श्री राणा ने प्रशासन से मांग की है कि:
• स्थानीय निवासियों को इस प्रकार की असुविधा और अपमान से बचाया जाए।
• सत्यापन की प्रक्रिया में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, जिससे भ्रम की स्थिति समाप्त हो।
• नैनीताल पुलिस स्पष्ट करे कि स्थानीय स्थायी नागरिकों से संपत्ति दस्तावेज मांगना उनके अधिकार क्षेत्र में आता भी है या नहीं।
उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ प्रशासनिक नहीं बल्कि सामाजिक सम्मान और आत्म-सम्मान से जुड़ा है। यदि स्थानीय मूल निवासियों के साथ ऐसा व्यवहार होता रहा, तो जन-आक्रोश भी उत्पन्न हो सकता है।
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