प्रसिद्ध संत पायलट बाबा का निधन, हरिद्वार में दी जाएगी समाधि
August 21, 2024
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जनहित
उत्तराखंड: नैनीताल: देश के जाने-माने संत कपिल अद्वैत सामनाथ गिरी, जिन्हें पायलट बाबा के नाम से जाना जाता था, का मंगलवार को निधन हो गया। वह लगभग 90 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पायलट बाबा जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर भी थे। उनके निधन की सूचना पायलट बाबा के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से दी गई, जहां लिखा गया, "ओम नमो नारायण। भारी मन से सूचित किया जाता है कि हमारे पूज्य गुरुदेव महायोगी पायलट बाबाजी ने आज महासमाधि ले ली है।"
सूत्रों के अनुसार, पायलट बाबा की अंतिम यात्रा हरिद्वार में संपन्न होगी, जहां उन्हें समाधि दी जाएगी।
पायलट बाबा का जन्म 1938 में बिहार के रोहतास जिले के बिशनपुरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रमा सिंह और माता का नाम तपेश्वरी देवी था। उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में एमएससी की शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने भारतीय वायु सेना में पायलट के रूप में करियर शुरू किया। पायलट बाबा ने 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1971 के युद्ध में भी हिस्सा लिया था।
1996 में पूर्वोत्तर में मिग 21 विमान उड़ाते समय अचानक तकनीकी खराबी आ गई थी, जिससे विमान का नियंत्रण खो गया। इस स्थिति में उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरु हरि बाबा को याद किया और विमान को सुरक्षित बेस पर उतारने में सफल रहे। इस घटना के बाद उन्होंने संन्यास लेने का निर्णय लिया और 36 वर्ष की आयु में भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त होकर आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाया।
पायलट बाबा ने हिमालय में 16 वर्षों तक तपस्या की और योग विद्या में सिद्धस्थ हो गए। वह समाधि की गहन साधना के लिए प्रसिद्ध थे, जिसमें वह लंबे समय तक जमीन के नीचे समाधि में प्रवेश करते थे। उनके आश्रम भारत के विभिन्न स्थानों जैसे सासाराम, हरिद्वार, नैनीताल, और उत्तरकाशी में स्थित हैं, और उनके भक्त अमेरिका, यूरोप, जापान समेत दुनिया भर में फैले हुए हैं।
उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें "कैलाश मानसरोवर ज्ञान के मोती," "हिमालय के रहस्यों को जाने," "अंतर्यात्रा," "आप से स्वयं तक की तीर्थयात्रा," और "हिमालय कह रहा है" शामिल हैं।
उनके निधन पर शोक जताते हुए उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से अपील की गई कि यह समय शांतिपूर्वक उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का है। आगे की जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।
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