नैनीताल: कुमाऊं विश्वविद्यालय में दो दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम का शुभारंभ
July 29, 2024
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सामान्य
उत्तराखंड: डीएसबी परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में दो दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम का आज शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों ने स्नातक वर्ग में नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन किया। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत ने छात्र-छात्राओं को उत्तराखंड की भाषा और सांस्कृतिक परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में आगे बढ़ने और साइबर क्राइम व किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने की सलाह दी। अस० ए० अल० अस० ए० मेंबर सेक्रेटरी श्री प्रदीप कुमार मनी ने छात्रों को कानून की महत्ता को समझने और इसका उल्लंघन न करने की सलाह दी। वन संरक्षक श्री टी. आर. बिजू लाल ने छात्रों से पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनने का आग्रह किया। एलुमनाई डीआईजी सीआरपीएफ श्री एस. डी. पांडे ने छात्रों को पढ़ाई की महत्ता समझने और निरंतर प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित किया।
परिसर निदेशक प्रोफेसर नीति बोरा शर्मा ने सभी अतिथियों एवं छात्रों का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथियों को छात्र हर्षित कुमार द्वारा तैयार रेखाचित्र, परिजात का पौधा, और शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर संजय पंत ने छात्रों को परिसर द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और एंटी रैगिंग के संदर्भ में यूजीसी के नियमों से अवगत कराया। प्रॉक्टर प्रोफेसर एच. एस. बिष्ट ने प्रॉक्टर के कार्यों और अनुशासन से संबंधित नियमों को समझाया। परीक्षा नियंत्रक डॉ. महेन्द्र राणा ने परीक्षा संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी।
डीन विजुअल आर्ट्स प्रो. एम. एस. मावरी, डीन एग्रीकल्चर प्रो. जीत राम, आईसीसी संयोजक प्रो. सी. एस. रावत, KUIIC निदेशक प्रो. आशीष तिवारी, एएनओ लेफ्टीनेंट डॉ. रीतेश साह, इन सभी ने भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रोफेसर गीता तिवारी और प्रोफेसर ललित तिवारी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रोफेसर नीलू लुधियाना, प्रोफेसर सुषमा टम्टा, डॉ. लज्जा भट्ट, डॉ. रीना सिंह, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. निधि वर्मा, डॉ. दीपिका पंत, डॉ. सारिका वर्मा, डॉ. ह्रदेश कुमार, डॉ. ऋचा गिनवाल, डॉ. सरोज, डॉ. आंचल, डॉ. भूमिका प्रसाद, डॉ. मनीषा संगुड़ी, डॉ. अलंकार महतोलिया, डॉ. संध्या यादव आदि का योगदान रहा।
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