उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में सात दिवसीय प्रयोगात्मक कार्यशाला जारी
February 11, 2025
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जनहित
उत्तराखंड: शिक्षार्थियों ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और पेपर मिल का किया शैक्षिक भ्रमण
हल्द्वानी, 11 फरवरी 2025 – उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग में एम.एस.सी. (पर्यावरण विज्ञान) के तृतीय सेमेस्टर की सात दिवसीय प्रयोगात्मक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला 8 फरवरी 2025 को विश्वविद्यालय के तीनपानी परिसर में शुरू हुई और 14 फरवरी 2025 तक जारी रहेगी।
कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षार्थियों को पर्यावरणीय मुद्दों से जुड़ी प्रयोगात्मक शिक्षा देना और औद्योगिक प्रक्रियाओं की वास्तविक समझ विकसित करना है। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. एच.सी. जोशी ने बताया कि यह कार्यशाला पर्यावरणीय अध्ययन के व्यवहारिक पक्ष को मजबूत करने के लिए अनिवार्य है।
सीखने का नया अनुभव: नगर निगम अपशिष्ट उपचार संयंत्र का भ्रमण
कार्यशाला के पहले चरण में शिक्षार्थियों को हल्द्वानी नगर निगम के 28 माइल्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भ्रमण कराया गया।
• प्लांट इंचार्ज श्री गौरव जायस ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यविधि की विस्तृत जानकारी दी।
• छात्रों ने अपशिष्ट जल उपचार की प्रक्रिया, जैविक और अजैविक कचरे के वर्गीकरण, और पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) के महत्व को प्रत्यक्ष रूप से समझा।
• अपर सहायक अभियंता श्री नागेंद्र चंद्रा और सहायक अभियंता श्री वाई.एस. लसपाल ने विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी।
• भ्रमण के दौरान कैमिस्ट श्री प्रिंस सिंह और प्लांट ऑपरेटर श्री गोपेस मिश्रा भी उपस्थित रहे।
औद्योगिक प्रक्रियाओं की बारीकियों को समझा: सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल का दौरा
भ्रमण के दूसरे चरण में शिक्षार्थियों को लालकुआं स्थित सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल का दौरा कराया गया।
• शिक्षार्थियों ने कच्चे माल से लेकर कागज निर्माण तक की प्रक्रिया को विस्तार से समझा।
• पर्यावरणीय मानकों के तहत कागज उत्पादन में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों को प्रत्यक्ष रूप से देखा।
• एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ई.टी.पी. यूनिट) का भ्रमण भी किया गया, जहां
• वरिष्ठ महाप्रबंधक श्री नरेश चंद्र कफल्ट्या ने शिक्षार्थियों को ई.टी.पी. यूनिट के संचालन और जल शुद्धिकरण प्रक्रियाओं की जानकारी दी।
• सेक्शन प्रमुख श्री ललित जोशी और सीनियर एक्जीक्यूटिव श्री भरत पांडे ने संपूर्ण यूनिट का भ्रमण करवाया और विस्तृत जानकारी दी।
अध्ययन भ्रमण में शामिल प्राध्यापक एवं समापन
इस अध्ययन भ्रमण में शिक्षार्थियों के साथ –
• सहायक प्राध्यापक डॉ. बीना फुलारा, डॉ. प्रीति पंत और डॉ. दीप्ति नेगी ने भी भाग लिया।
• कार्यशाला के अंत में डॉ. प्रीति पंत ने सभी शिक्षकों और औद्योगिक संस्थानों के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।
पर्यावरणीय शिक्षा को मिला नया आयाम
इस प्रयोगात्मक कार्यशाला ने शिक्षार्थियों को पर्यावरणीय प्रबंधन, अपशिष्ट जल उपचार और उद्योगों में पर्यावरणीय मानकों के अनुपालन की वास्तविक जानकारी दी। भविष्य के पर्यावरण वैज्ञानिकों के लिए यह अनुभव बेहद लाभकारी सिद्ध होगा और उन्हें अपने अनुसंधान तथा करियर में महत्वपूर्ण दिशा प्रदान करेगा
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