भाजपा में बड़ा संगठनात्मक बदलाव: अब 45 से 60 वर्ष के नेता ही बन सकेंगे जिलाध्यक्ष
February 12, 2025
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धर्म
उत्तराखंड: भाजपा में बड़ा संगठनात्मक बदलाव: अब 45 से 60 वर्ष के नेता ही बन सकेंगे जिलाध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए जिलाध्यक्ष पद के लिए 45 से 60 वर्ष की आयु सीमा तय कर दी है। इससे पहले मंडल अध्यक्ष के लिए 35 से 45 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की गई थी। पार्टी का कहना है कि यह बदलाव 2027 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए संगठन को मजबूत करने के लिए किया गया है।
संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया जारी
भाजपा में इन दिनों संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, जिसके तहत—
✅ 25 फरवरी तक मंडल अध्यक्षों का चयन होगा।
✅ 28 फरवरी तक जिलाध्यक्षों का चयन किया जाएगा।
जिलाध्यक्ष पद के लिए नए मानक
➡️ आयु सीमा: 45 से 60 वर्ष के बीच।
➡️ कार्यकाल: अधिकतम दो कार्यकाल।
➡️ चयन प्रक्रिया: विधायक, सांसद और वरिष्ठ नेताओं की राय से तय होगा।
➡️ सामाजिक समीकरण: हर जिले में समाजिक संतुलन का ध्यान रखा जाएगा।
पार्टी निष्ठावान कार्यकर्ताओं को देगी प्राथमिकता
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि पार्टी 2027 के चुनावों की रणनीति के तहत राज्य में मजबूत संगठन खड़ा करना चाहती है। इसी वजह से पार्टी के प्रति निष्ठावान कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जिलाध्यक्षों के चयन में विधायक, सांसद और वरिष्ठ नेताओं की राय को भी महत्व दिया जाएगा, ताकि संगठन में योग्य और समर्पित नेताओं को आगे लाया जा सके।
युवा नेतृत्व को मिलेगा अवसर
इससे पहले भाजपा ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए 35 से 45 वर्ष की आयु सीमा तय की थी, जिससे युवा कार्यकर्ताओं को संगठन में आगे आने का अवसर मिल सके। अब जिलाध्यक्षों के लिए नई आयु सीमा तय कर अनुभवी और ऊर्जावान नेताओं को संगठन की कमान सौंपी जाएगी।
भाजपा का संगठनात्मक सुधार चुनावी रणनीति का हिस्सा
भाजपा के इस फैसले को 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी का मानना है कि इससे संगठन में अनुशासन और नेतृत्व क्षमता को और अधिक सशक्त किया जा सकेगा।
निष्कर्ष
भाजपा का यह कदम युवा नेतृत्व को आगे लाने और अनुभवी कार्यकर्ताओं को संगठन में उचित स्थान देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इससे संगठन में नई ऊर्जा और अनुशासन का संचार होगा, जिससे पार्टी को आगामी चुनावों में मजबूती मिलेगी।
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