मंडल में स्मार्ट मीटर की योजनाओं की समीक्षा: कॉलोनियों में सबस्टेशन के लिए 500 वर्गमीटर भूमि ज़रूरी
September 10, 2024
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सामान्य
उत्तराखंड: **कुमाऊं मंडल में स्मार्ट मीटर और सोलर प्लांट्स की योजनाओं की समीक्षा: कॉलोनियों में सबस्टेशन के लिए 500 वर्ग मीटर भूमि अनिवार्य**
हल्द्वानी, 10 सितंबर 2024: आयुक्त/सचिव मा० सीएम दीपक रावत ने मंगलवार को कैंप कार्यालय में कुमाऊं मंडल के पिटकुल, विद्युत, और उरेड़ा विभागों के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका उद्देश्य क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था को और सुदृढ़ करना और सरकार के राजस्व को बढ़ाना है।
बैठक में **कॉलोनियों में सबस्टेशन के लिए भूमि का प्रावधान** तय किया गया। कुमाऊं मंडल में कॉलोनियों का विकास करने वाले बिल्डर्स को अब 500 वर्ग मीटर भूमि सबस्टेशन के लिए अनिवार्य रूप से आरक्षित करनी होगी। इससे सरकारी विभागों को बड़ी कॉलोनियों के लिए सबस्टेशन बनाने हेतु जमीन की तलाश में समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा और सरकारी भूमि का भार भी कम होगा। आयुक्त ने विद्युत विभाग को इसकी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही, **स्मार्ट मीटर लगाने की योजना** पर भी चर्चा हुई। कुमाऊं मंडल में 655,305 उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। यह कार्य सितंबर 2024 के तीसरे सप्ताह से शुरू होगा और जून 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी कम होगी और सरकार का राजस्व बढ़ेगा। स्मार्ट मीटर लगाने और मेंटेनेंस के लिए 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट है, जो कि 06 मार्च 2024 को हुआ था। इसमें 27 माह में मीटर लगाने और 93 माह के अनुरक्षण का कार्य शामिल है।
बैठक में **प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना** के तहत सोलर प्लांट लगाने की भी समीक्षा की गई। इस योजना के अंतर्गत 6749 आवेदकों में से 1438 उपभोक्ताओं के यहां सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं। 03 किलोवॉट प्लांट की कुल लागत लगभग 1,36,000 रुपये आती है, जिसमें केंद्र सरकार 85,000 रुपये और राज्य सरकार 51,000 रुपये की सब्सिडी देती है। उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खपत के बाद बचे हुए यूनिट्स के लिए 5 रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट की दर से यूपीसीएल से रिफंड भी मिलता है।
अधिकारी ने **एटी एंड सी लॉस (ऊर्जा और कमर्शियल नुकसान)** को 12% तक लाने के निर्देश दिए। मार्च 2024 में यह लॉस 12.47% था, लेकिन कुछ डिवीजनों में औसतन से अधिक नुकसान हो रहा है, जिसे कम किए जाने की आवश्यकता है।
**जलजीवन मिशन** के तहत, विद्युत विभाग को 630 विद्युत कनेक्शन देने थे, लेकिन पेयजल विभाग ने केवल 521 संयोजन की धनराशि जमा की और 416 योजनाओं में ही कनेक्शन हो पाए। आयुक्त ने पेयजल विभाग को लंबित योजनाओं के लिए विद्युत विभाग को शीघ्र धनराशि जमा करने के निर्देश दिए ताकि तुरंत कनेक्शन मिल सकें। साथ ही, कई स्थानों पर बोरिंग फेल होने से योजनाओं में देरी हुई है, इसके लिए पेयजल विभाग को स्थल चिन्हित कर विद्युत विभाग को सूचित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्य अभियंता विद्युत हल्द्वानी अतुल गर्ब्याल, रुद्रपुर नरेंद्र सिंह टोलिया, पिटकुल हितेंद्र सिंह हयांकी, एडीबी डी सी पांडेय, संयुक्त निदेशक राजेंद्र तिवारी, एसई विद्युत नवीन मिश्रा, परियोजना अधिकारी उरेड़ा नैनीताल एस आर गौतम, चंपावत डी एस पटवाल और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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