by Ganesh_Kandpal
Sept. 18, 2024, 9:26 a.m.
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गणेश चंद्र कांडपाल,
नैनीताल स्थित हिमालयन बॉटनिकल गार्डन, नारायण नगर में पर्यटकों के लिए कैक्टस की अद्भुत प्रजातियों का अनोखा संसार प्रदर्शित किया गया है। इस गार्डन में कैक्टस की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी और उनके अनोखे गुणों को विस्तार से बताया गया है।
बॉटनिकल गार्डन के विशेषज्ञों के अनुसार, कैक्टस पौधों का एक अनोखा समूह है, जिसमें लगभग 127 वंश और 1750 ज्ञात प्रजातियाँ शामिल हैं। इन पौधों की सबसे खास बात यह है कि वे बेहद कठोर और शुष्क वातावरण में भी जीवित रह सकते हैं। पानी की कमी वाली परिस्थितियों में भी, कैक्टस पौधे अपने शरीर में पानी संग्रहित करने की अद्वितीय क्षमता रखते हैं। उनके तने में विशेष प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं जो पानी को संचित करती हैं और लम्बे समय तक उन्हें सूखे से बचाए रखती हैं।
**कैक्टस के अनुकूलन और विकास की अद्भुत प्रक्रिया**
कैक्टस का शारीरिक ढांचा भी बहुत ही अनोखा होता है। इनमें पत्तियों की बजाय काँटेदार संरचना होती है, जो पौधों को पानी के वाष्पीकरण से बचाने में मदद करती है। इसके साथ ही ये काँटे पौधों को शिकारियों से भी सुरक्षित रखते हैं। कैक्टस के तनों पर एक मोम जैसा आवरण होता है, जो उन्हें धूप और गर्मी से बचाने में सहायक होता है। इन पौधों की जड़ें भी बहुत ही सतही होती हैं ताकि बारिश का पानी जल्दी से अवशोषित किया जा सके।
**कैक्टस के उपयोग: सौंदर्य प्रसाधन से लेकर औषधीय गुणों तक**
कैक्टस केवल अपने अद्वितीय अनुकूलन के लिए ही प्रसिद्ध नहीं हैं, बल्कि इसका उपयोग कई व्यावसायिक और औषधीय कार्यों में भी होता है। बॉटनिकल गार्डन की जानकारी के अनुसार, कैक्टस के कुछ प्रजातियों का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। इसके अलावा, कैक्टस से प्राप्त जल को त्वचा के लिए फायदेमंद माना जाता है और इसका उपयोग क्रीम और लोशन में होता है।
कैक्टस की कुछ प्रजातियों से पेय पदार्थ भी बनाए जाते हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध "टकीला" है, जो एक विशेष प्रकार के कैक्टस से प्राप्त किया जाता है। इसके साथ ही, कैक्टस का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में भी किया जाता है, जहाँ इसका उपयोग घाव भरने और संक्रमण रोकने के लिए किया जाता है।
**पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र**
हिमालयन बॉटनिकल गार्डन, नारायण नगर, नैनीताल में कैक्टस की इतनी विशाल विविधता का प्रदर्शन पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बन गया है। हर साल हजारों पर्यटक इस गार्डन में आते हैं और कैक्टस की प्रजातियों के बारे में जानने के साथ-साथ उनके सौंदर्य और अद्वितीयता का आनंद उठाते हैं। इस गार्डन में कैक्टस के अलावा भी कई अन्य दुर्लभ और विशिष्ट पौधों की प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं, जो इसे वनस्पति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाती हैं।
**निष्कर्ष**
कैक्टस के अनोखे संसार के इस प्रदर्शन ने वनस्पति प्रेमियों के साथ-साथ आम जनता का ध्यान आकर्षित किया है। नैनीताल का यह बॉटनिकल गार्डन प्रकृति की अनमोल धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ पर्यटकों को शुष्क स्थानों में जीवित रहने वाले इन अद्भुत पौधों की कहानी सुनाने का भी काम कर रहा है।
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