by Ganesh_Kandpal
Sept. 8, 2024, 4:59 p.m.
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**नैनीताल, 10 सितंबर 2024** – नैनीताल की ऐतिहासिक सरोवर नगरी में आज से नंदाष्टमी महोत्सव का शुभारंभ हो गया है। पंडित भगवती प्रसाद जोशी ने मंत्रोचारण कर इसकी शुरुआत की ।इस अवसर पर मुख्य अतिथि, नैनीताल की विधायक सरिता आर्या ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों के बीच दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक **प्रह्लाद नारायण मीण** उपस्थित रहे, साथ ही कई प्रतिष्ठित अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर शामिल हुए।
### **कदली वृक्ष की लाने की परंपरा**
हर साल की तरह इस वर्ष भी कदली वृक्ष (केले का पेड़) विशेष रूप से लाया जा रहा है। इस बार यह पेड़ **रोखड़ गाँव, थापला मंगोली** से लाया जाएगा। कदली वृक्ष को पारंपरिक रीति-रिवाजों से नगर भ्रमण कराया जाएगा और इसे मंदिर प्रांगण में पहुंचाया जाएगा। इसी वृक्ष से माँ नंदा-सुनंदा की भव्य मूर्तियाँ तैयार की जाएंगी,
11 सितंबर को अष्टमी के शुभ मुहूर्त में माँ नंदा-सुनंदा की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। पूरे नगर में भक्तिमय माहौल बना हुआ है, और श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर और आयोजन स्थल पर जुट रहे हैं। आज प्रातः से ही सरोवर नगरी का वातावरण भक्तिमय हो गया है। पारंपरिक **छोलिया नर्तकों** ने अपनी कला से दर्शकों का दिल जीत लिया। छोलिया नृत्य, जो कुमाऊं की सांस्कृतिक धरोहर है, इस महोत्सव का अभिन्न हिस्सा होता है। नर्तक अपनी पारंपरिक पोशाकों और वाद्य यंत्रों के साथ नगर में भक्तिमय माहौल बना रहे हैं।
### **मुख्यमंत्री का संबोधन**
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री **पुष्कर सिंह धामी** ने भी इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से मेले का हिस्सा बने और जनता को नंदाष्टमी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संदेश में इस महोत्सव को उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताया और इसे राष्ट्रीय स्तर पर और पहचान दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
राम सेवक सभा के अध्यक्ष मनोज साह और महामंत्री जगदीश बवाड़ी ने इस महोत्सव को विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने की दिशा में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष एक विशेष **हस्ताक्षर अभियान** चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से यह प्रस्ताव यूनेस्को के समक्ष रखा जाएगा कि इस महोत्सव को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया जाए। उनका मानना है कि नंदाष्टमी महोत्सव, जो कुमाऊं की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखे हुए है, अपनी अनूठी परंपराओं और समृद्ध इतिहास के चलते विश्व धरोहर बनने का हकदार है।
### **विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति**
उद्घाटन समारोह में अनेक विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से महोत्सव की शोभा बढ़ाई। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक **प्रह्लाद नारायण मीण**, प्रशासक **के.एन. गोस्वामी**, एसपी सिटी क्राइम **हरबन सिंह**, एसडीएम **प्रमोद कुमार**, संयुक्त मजिस्ट्रेट **वरुणा अग्रवाल**, तहसीलदार **मनीषा मरकाना**, और ईओ **पूजा चंद्रा** सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे।
डॉ. नारायण सिंह जंतवाल,एसडीएम प्रमोद कुमार, संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल, तहसीलदार मनीषा मरकाना, ईओ पूजा चंद्रा, मनोज साह,महासचिव जगदीश बवाड़ी, मुकेश जोशी मंटू, पूर्व पालिकाध्या संजय कुमार संजू,नवीन पांडे,सभासद मनोज जोशी,अशोक साह, राजेंद्र बिष्ट, विमल चौधरी, राजेंद्र लाल साह,परीक्षा नियंत्रक डॉ. महेंद्र राणा , गिरीश काण्डपाल भी कार्यक्रम में उपस्थित रहें।
मंच संचालन प्रो. ललित तिवारी, मीनाक्षी कीर्ति ने किया
### **परंपराओं का जीवंत स्वरूप**
नंदाष्टमी महोत्सव का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वर्षों से बना हुआ है। इस महोत्सव में माँ नंदा-सुनंदा की पूजा की जाती है, जो कुमाऊं की पारंपरिक देवी मानी जाती हैं। हर साल इस महोत्सव में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इसके साथ ही, मेले में स्थानीय हस्तकला, पारंपरिक भोजन, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिससे इस महोत्सव की गरिमा और बढ़ जाती है।
रविवार १५ सितंबर को माँ नंदा-सुनंदा की मूर्तियों की शोभायात्रा और उनके विसर्जन के साथ महोत्सव का समापन होगा । यह शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होकर गुजरती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं और देवी माँ की विदाई के इस भावुक क्षण का हिस्सा बनते हैं।
राम सेवक सभा और स्थानीय प्रशासन ने यह भी घोषणा की है कि आने वाले वर्षों में नंदाष्टमी महोत्सव को और भव्य बनाने की योजना बनाई जा रही है, जिससे इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक पहचान मिल सके।
नंदाष्टमी महोत्सव, उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का जीवंत उदाहरण है, जो हर वर्ष न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं को बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को भी आकर्षित करता है।
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