by Ganesh_Kandpal
March 6, 2025, 12:50 p.m.
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भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की 64वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि
नई दिल्ली/नैनीताल। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, कुशल राजनीतिज्ञ और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की 64वीं पुण्यतिथि (7 मार्च 2025) पर हम उन्हें नमन करते हैं और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने आजादी से पहले और उसके बाद भी भारतीय राजनीति को नई दिशा दी और अपने नेतृत्व कौशल से देश की प्रगति में अमूल्य योगदान दिया।
पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी का जीवन परिचय
पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी का जन्म 10 सितंबर 1887 को अल्मोड़ा जिले के खोत (मल्ला गांव) में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा और फिर इलाहाबाद में हुई। पंत जी ने अपने जीवन का अधिकांश समय राष्ट्रसेवा और जनकल्याण में लगाया। वे महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक से प्रभावित थे और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया।
राजनीतिक योगदान और उपलब्धियां
1. संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) के प्रधानमंत्री (1937-1939)
• पंत जी ने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ मजबूत आवाज उठाई।
• 1937 में जब संयुक्त प्रांत में पहली बार चुनाव हुए, तो वे प्रधानमंत्री (Chief Minister) बने और 1939 तक इस पद पर रहे।
2. उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री (1947-1954)
• स्वतंत्रता के बाद, पंत जी उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने।
• उन्होंने ज़मींदारी प्रथा को समाप्त कर किसानों को उनके अधिकार दिलाए।
• सामाजिक न्याय और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए।
3. भारत के चौथे केंद्रीय गृह मंत्री (1954-1961)
• उन्होंने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।
• भारतीय प्रशासन और पुलिस प्रणाली को मजबूत किया।
• राज्य पुनर्गठन आयोग के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत रत्न से सम्मानित
उनके अतुलनीय योगदान को देखते हुए, उन्हें 1957 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
उनकी पुण्यतिथि पर कार्यक्रम और श्रद्धांजलि
नैनीताल में स्थित गोविंद बल्लभ पंत पार्क और संग्रहालय में उनकी पुण्यतिथि पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर ललित भट्ट सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता, इतिहासकार और राजनेता श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
पंत जी की विरासत को करें आत्मसात
उनके योगदान को याद करते हुए हमें उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। उनका जीवन हमें सत्य, ईमानदारी, परिश्रम और राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देता है।
शत-शत नमन!
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