by Ganesh_Kandpal
Sept. 20, 2024, 10:11 a.m.
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गणेश चंद्र कांडपाल , नैनीताल
नैनीताल में हर साल धूमधाम से आयोजित होने वाले नंदा देवी मेले का इस बार भी सफलआयोजन हुआ। मॉल रोड, जो नैनीताल का मुख्य आकर्षण और सबसे व्यस्त स्थान है, वहां लगे फ्लेक्स और बैनरों की अव्यवस्थित स्थिति ने शहर की सुंदरता को प्रभावित किया है। मेले के दौरान भारी मात्रा में लगाए गए फ्लेक्स, बैनर और होर्डिंग्स न सिर्फ लोगों की नजरों में खटक रहे हैं, बल्कि पर्यावरण और स्वच्छता पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं।
नंदा देवी मेला नैनीताल की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। यह हर साल हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। मेले के दौरान शहर को सजाने और प्रचार-प्रसार के लिए बड़ी संख्या में फ्लेक्स और बैनर लगाए जाते हैं। इस बार नगर पालिका चुनावों के करीब होने के कारण, फ्लेक्स लगाने की होड़ और भी बढ़ गई है। हर राजनीतिक दल और संगठन अपनी पहचान बनाने के लिए जगह-जगह फ्लेक्सियां लगा रहा है। मॉल रोड जैसे प्रमुख स्थानों पर इन फ्लेक्सियों की भरमार ने समस्या को और भी गंभीर बना दिया है।
मेले के समाप्त होने के बाद भी, इन फ्लेक्सियों को हटाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। नतीजतन, कई फ्लेक्सियां अब पोलों से झूल रही हैं, कुछ जमीन पर गिरी पड़ी हैं, और कुछ नैनी झील में तैर रही हैं। मॉल रोड और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में यह दृश्य न केवल शहर की खूबसूरती को खराब कर रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है।
फ्लेक्सियों के गिरने से पैदल चलने वालों के लिए रास्ता भी बाधित हो रहा है। कई स्थानों पर ये फ्लेक्सियां बिजली के खंभों पर लटकी हुई हैं, जो किसी भी समय दुर्घटना का कारण बन सकती हैं।
नैनीताल की स्वच्छता और सुंदरता को लेकर स्थानीय निवासी और पर्यटक, दोनों ही चिंतित हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन को फ्लेक्स लगाने वाले संगठनों और राजनीतिक दलों को इसे समय पर हटाने के लिए बाध्य करना चाहिए।
नगर पालिका चुनाव नजदीक होने के कारण, शहर में प्रचार सामग्री की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। हर राजनीतिक दल और उम्मीदवार अपने प्रचार के लिए जगह-जगह फ्लेक्स और बैनर लगा रहे हैं। यह चुनाव प्रचार अब शहर की स्वच्छता और पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
चुनावी माहौल के चलते कई स्थानों पर बड़ी संख्या में फ्लेक्सियां बिना किसी अनुमति या उचित देखरेख के लगाई गई हैं,
स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि प्रशासन को फ्लेक्स लगाने और उसके निपटान के लिए सख्त नियम बनाने की जरूरत है। चुनाव या मेला समाप्त होने के बाद फ्लेक्सियों को समय पर हटाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों या संगठनों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
इसके अलावा, प्रशासन को पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर बैनर और फ्लेक्सियों के लिए वैकल्पिक, पर्यावरण अनुकूल सामग्री का उपयोग करने पर जोर देना चाहिए। इससे न केवल शहर की स्वच्छता बनी रहेगी, बल्कि पर्यावरणीय नुकसान भी कम होगा।
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