by Ganesh_Kandpal
Aug. 11, 2024, 2:46 p.m.
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### श्री नंदा सुनंदा महोत्सव 2024: भव्य आयोजन के लिए 21 समितियों का गठन, उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का महापर्व
उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर आयोजित होने वाला श्री नंदा देवी महोत्सव, जो नैनीताल में 1903 से मनाया जा रहा है, उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह महोत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और आने वाली पीढ़ियों को इससे जोड़ने का एक माध्यम भी है। इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महोत्सव को भव्य और सफल बनाने के लिए 2024 में 21 समितियों का गठन किया गया है।
**महोत्सव की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:**
श्री नंदा देवी महोत्सव की शुरुआत 1903 में हुई थी, लेकिन इसे नियमित रूप से आयोजित करने की परंपरा श्री राम सेवक सभा द्वारा 1918 से शुरू की गई। यह महोत्सव उत्तराखंड के निवासियों के लिए विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। यह महोत्सव देवी नंदा और सुनंदा को समर्पित है, जिन्हें उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में मुख्य देवी के रूप में पूजा जाता है। नैनीताल में आयोजित होने वाला यह महोत्सव राज्य की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
**2024 के महोत्सव की तैयारियां:**
श्री नंदा सुनंदा महोत्सव 2024 को सफलतापूर्वक आयोजित करने और इसे भव्य बनाने के लिए 21 विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों का कार्य महोत्सव के दौरान सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करना है।
**समितियों और उनके कार्य:**
1. **कदली वृक्ष समिति:** यह समिति कदली वृक्ष की व्यवस्था करेगी, जिसका उपयोग देवी की मूर्ति के निर्माण में किया जाता है। कदली वृक्ष को देवी के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है, और इसे लाने का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है।
2. **मूर्ति निर्माण समिति:** लोक पारंपरिक कलाकार चंद्र प्रकाश साह की देखरेख में देवी की मूर्ति का निर्माण किया जाएगा। यह मूर्ति धार्मिक परंपराओं और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार बनाई जाएगी, ताकि महोत्सव का धार्मिक महत्व और भी बढ़ सके।
3. **मंडप निर्माण और व्यवस्था समिति:** मंडप निर्माण और उसकी सजावट का कार्य इस समिति के अधीन होगा। मंडप का निर्माण धार्मिक विधियों के अनुसार किया जाएगा, और इसकी सजावट विशेष रूप से महोत्सव की भव्यता को बढ़ाने के लिए की जाएगी।
4. **पांच आरती समिति:** महोत्सव के दौरान पांच आरतियों का आयोजन किया जाएगा, जो देवी की पूजा का महत्वपूर्ण अंग है। यह समिति आरतियों की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करेगी, ताकि सभी धार्मिक अनुष्ठान विधिपूर्वक संपन्न हो सकें।
5. **देवी भोग समिति:** देवी को भोग चढ़ाने की जिम्मेदारी इस समिति पर होगी। भोग की तैयारी और उसे चढ़ाने के दौरान धार्मिक नियमों का पालन किया जाएगा।
6. **सुंदर कांड समिति:** महोत्सव के दौरान सुंदर कांड का पाठ किया जाएगा, जो महोत्सव के धार्मिक माहौल को और भी पवित्र बनाएगा। इस समिति का कार्य सुंदर कांड के आयोजन की समुचित व्यवस्था करना होगा।
7. **प्रसाद वितरण समिति:** प्रसाद वितरण की जिम्मेदारी इस समिति के अधीन होगी। यह समिति सुनिश्चित करेगी कि प्रसाद वितरण व्यवस्थित तरीके से हो और सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद प्राप्त हो सके।
8. **मंदिर प्रवेश समिति:** मंदिर में भक्तों के सुचारू प्रवेश की जिम्मेदारी इस समिति की होगी। यह समिति सुनिश्चित करेगी कि मंदिर में भक्तों का प्रवेश व्यवस्थित तरीके से हो और कोई अव्यवस्था न हो।
9. **सीधा प्रसारण समिति:** महोत्सव के सभी प्रमुख कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण किया जाएगा, ताकि जो श्रद्धालु वहां उपस्थित नहीं हो सकते, वे भी महोत्सव का आनंद ले सकें। इस समिति का कार्य सीधा प्रसारण की व्यवस्था करना होगा।
10. **दान पत्र चंदा समिति:** महोत्सव के लिए आवश्यक धनराशि एकत्र करने का कार्य इस समिति के अधीन होगा। यह समिति दान और चंदा एकत्र करेगी, जिससे महोत्सव की सभी व्यवस्थाओं का संचालन हो सके।
11. **सांस्कृतिक शोभा यात्रा समिति:** महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। यह समिति शोभा यात्रा की तैयारी और संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी।
12. **मंदिर सफाई समिति:** मंदिर परिसर की सफाई और स्वच्छता बनाए रखने का कार्य इस समिति द्वारा संपन्न होगा। महोत्सव के दौरान मंदिर की पवित्रता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए यह समिति जिम्मेदार होगी।
13. **भंडारा समिति:** महोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया जाएगा। यह समिति भंडारे की व्यवस्था और संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी।
14. **देवी दर्शन समिति:** भक्तों को देवी के दर्शन की व्यवस्था इस समिति द्वारा की जाएगी। यह समिति सुनिश्चित करेगी कि सभी श्रद्धालु आराम से देवी के दर्शन कर सकें।
15. **डोला भ्रमण और विसर्जन समिति:** महोत्सव के दौरान डोला भ्रमण और विसर्जन का आयोजन किया जाएगा। यह समिति डोला यात्रा और देवी की प्रतिमा के विसर्जन की व्यवस्था करेगी।
16. **दीप दान समिति:** महोत्सव के दौरान दीप दान का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालु दीप जलाकर देवी की आराधना करेंगे। इस समिति का कार्य दीप दान की पूरी व्यवस्था करना होगा।
17. **मंदिर परिसर चंदा समिति:** मंदिर परिसर में चंदा एकत्र करने का कार्य इस समिति के द्वारा किया जाएगा। यह समिति सुनिश्चित करेगी कि चंदा एकत्र करने का कार्य व्यवस्थित तरीके से हो।
18. **मंदिर परिसर उद्घोषणा समिति:** महोत्सव के दौरान मंदिर परिसर में उद्घोषणा का कार्य इस समिति के द्वारा किया जाएगा। यह समिति महोत्सव की सभी महत्वपूर्ण घोषणाएं और सूचनाएं प्रसारित करेगी।
19. **मेला प्रवक्ता समिति:** महोत्सव से संबंधित सभी घोषणाएं और जानकारी का प्रसार इस समिति द्वारा किया जाएगा। यह समिति मीडिया से संवाद और महोत्सव की सूचना प्रसारित करने का कार्य करेगी।
**विशेष सहयोग और महोत्सव की तारीखें:**
सभा के अध्यक्ष मनोज साह और महासचिव जगदीश बावड़ी ने बताया कि महोत्सव की सफलता के लिए जिला प्रशासन, जिला अधिकारी, मां नयना देवी ट्रस्ट, डीएसए, पालिका, जल संस्थान, पुलिस, मीडिया, और सूचना विभाग का विशेष सहयोग लिया जाएगा।
मूर्ति निर्माण के लिए पारंपरिक कलाकार चंद्र प्रकाश साह का विशेष सहयोग लिया जाएगा, जो देवी की प्रतिमा का भव्य निर्माण करेंगे। श्री नंदा सुनंदा महोत्सव 2024 का आयोजन 8 सितंबर से 15 सितंबर तक किया जाएगा। इस महोत्सव के दौरान भक्तों को देवी की पूजा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, और भक्ति भाव से ओतप्रोत अनुभव प्राप्त होगा।
श्रद्धालुओं से अनुरोध है इस महोत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लें और उत्तराखंड की इस समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत बनाए रखने में सहयोग करें।
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