कुमाऊँ विश्वविद्यालय में सामाजिक शोध में नवीन प्रवृत्तियां विषय पर व्याख्यान

by Ganesh_Kandpal

June 11, 2024, 8:02 p.m. [ 83 | 0 | 0 ]
<<See All News



कुमाऊं विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ज्योति जोशी के नेतृत्व में प्रोफेसर प्रशांत कुमार सिंह (श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय) के साथ एक महत्वपूर्ण विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का विषय "सामाजिक शोध में नवीन प्रवृत्तियां" (Recent Trends in Social Research) था। इस दौरान प्रोफेसर पी. एस. बिष्ट (संकायाध्यक्ष कला संकाय), प्रोफेसर अर्चना श्रीवास्तव, डॉ0 प्रियंका नीरज रूवाली, तथा डॉ0 उर्वशी पाण्डेय (MBGPG College) की विशिष्ट उपस्थिति रही।
प्रो. सिंह ने समाजशास्त्र और इतिहास के परस्पर संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया तथा सत्र की शुरुआत इस बात पर जोर देते हुए कि इतिहास अतीत का अध्ययन करता है, समाजशास्त्र वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करता है, दोनों ही सामाजिक संरचनाओं और संस्कृति का अध्ययन करते हैं। उन्होंने सामाजिक परिवर्तन और शोध में इसके प्रतिबिंब के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण जैसे स्थापित विषयों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पारंपरिक शोधों की आलोचना की और समकालीन मुद्दों पर अनुभवजन्य शोध की वकालत की। उन्होंने 'Indian Sociological Society' और इसकी विभिन्न शोध समितियों (RC) के महत्व को भी रेखांकित किया जो उभरती सामाजिक घटनाओं के अनुकूल हैं।

प्रो. सिंह के व्याख्यान का एक मुख्य क्षेत्र डिजिटल समाजशास्त्र (Digital Sociology) में अनुसंधान के एक उभरते क्षेत्र के रूप में सोशल मीडिया पर जोर देना था। उन्होंने समाज पर इसके दोहरे प्रभाव (सकारात्मक और नकारात्मक दोनों) और समाजशास्त्रियों के लिए प्रतिकूल परिणामों को कम करने के लिए इन प्रभावों का अध्ययन करने पर बल दिया। उन्होंने टिप्पणी की कि कैसे सोशल मीडिया ने पारस्परिक संबंधों को बदल दिया है, आज के बच्चे अक्सर आभासी संबंधों (Virtual Relations) को वास्तविक (Real) मानते हैं।
प्रो. सिंह ने , समाजशास्त्र शोध में उभरते हुए क्षेत्र के रूप में 'Sociology of Sports' and 'Sociology of Health and Wellbeing' पर भी बात की और शोधकर्ताओं से पारंपरिक विषयों से आगे बढ़कर अपने शोध प्रयासों में अधिक गुणवत्ता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
इसके बाद प्रो. ज्योति जोशी ने अपने विचार व्यक्त किए उन्होंने बताया कि वर्तमान समाज में सामाजिक समस्याओं को Action Research विधि द्वारा हल किया जा सकता है।
अंत में प्रो. अर्चना श्रीवास्तव ने सभी का धन्यवाद किया तथा प्रो. श्रीवास्तव ने सामाजिक घटनाओं को सामाजिक शोध से जोड़ते हुए पीटर बर्जर को उद्धृत करते हुए सत्र का समापन किया। इस विशिष्ट व्याख्यान आयोजन में मंच संचालन हेतु डॉ0 प्रियंका नीरज रूपाली उपस्थित रहीं तथा डॉ0 सरोज पालीवाल, डॉ0 अर्शी परवीन, डॉ0 हरिश्चन्द्र मिश्र और सभी शोध छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे।


Leave a Comment:

You must be logged in to like/unlike or post a comment. Login Here to continue.

Search
Explore News by Type
Card image cap Public_Interest

हल्द्वानी क्षेत्र के स्पा सेन्टरों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल न…

हल्द्वानी क्षेत्र के स्पा सेन्टरों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने औचक निरीक्षण किया। अनियमितता पाये जाने पर 83 पुलिस एक्ट के तहत चालान भी किया वरिष्ठ पुलिस …

खबर पढ़ें
Card image cap Public_Interest

बेतालघाट के बजेड़ी गाँव के स्कूल में लगी आग,फ़र्नीचर जला

इन दिनों तापमान बढ़ने के साथ ही आग लगने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही है। वही अब नैनीताल जिले में बेतालघाट के बजेड़ी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में आज दोपहर…

खबर पढ़ें