by Ganesh_Kandpal
Aug. 29, 2022, 6:08 p.m.
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१५ जुलाई को जोशीमठ के हेलंग गाँव में औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों गाँव की औरतों के साथ बदसलूकी की गयी और उनकी घास छिन ली गई थी और बाद में झूठा मुक़दमा दायर किया गया था । इसी क्रम में हेलंग एकजुटता मंच के द्वारा एक सितंबर को नैनीताल चलो' का आहवान किया गया है। हेलंग एकजुटता मंच सरकार से माँग करता है कि महिलाओं से घास छीनने, उन्हें डेढ़-दो "साल की बच्ची सहित हिरासत में रखने वाले सी.आई.एस.एफ. व पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाही की जाये ,उत्पीडित महिलाओं के खिलाफ अभियान चलाने वाले चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना को उनके पद से हटाया जाये, वन पंचायत नियमावली तथ वनाधिकार कानून का उल्लंघन कर दी गई वन पंचायत की गैरकानूनी स्वीकृति को रद्द किया जाये और इसके आधार पर पेड़ काटने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाही की जायें। ,टीएचडीसी के विरुद्ध नदी में मलबा डालने और पेड़ काटने के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर वैधानिक कार्रवाही की जाये। टीएचडीसी व अन्य परियोजना निर्माता कम्पनियों के कामों की जनता की भागीदारी के साथ मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाये। हेलंग प्रकरण की उच्च न्यायालय के किसी सेवारत अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जाँच करवायी जाये।
हेलंग की घटना उत्तराखंड की मातृशक्ति की अस्मिता, गरिमा और आजीविका पर प्रहार तो है ही, मगर वास्तव में यह जल, जंगल और जमीन पर जनता के बुनियादी अधिकार से जुड़ी है। ब्रिटिश राज में जनता से जंगल के जो अधिकार छीने गये, वे न आजादी के बाद बहाल किये गये और न उत्तराखंड राज्य बनने के बाद। अब तो उत्तराखंड में माफियाओं और कम्पनियों का राज है। सरकार-प्रशासन कठपुतलियों की तरह उनकी उंगलियों पर नाचते हैं। 2003 में एक ठीकठाक सा भूमि कानून आया था। मगर उसे लागू न कर 2018 के भू कानून द्वारा उत्तराखंड की जमीनें खुल कर लुटाने का बन्दोबस्त कर दिया गया है। वन अधिकार कानूने (2006) जैसे जन उपयोगी कानून ईमानदारी से लागू ही नहीं किये जा रहे हैं। 2010, 2013 और 2021 में आई आपदाओं की भरपाई अभी तक भी नहीं हो पायी है। इसीलिये जगह-जगह असंतोष है।
पचास साल पहले गौरादेवी ने अपनी साथियों के साथ रेणी गाँव में चिपको आन्दोलन का बिगुल फूँका था। गौरादेवी को अब देश का बच्चा-बच्चा जानता है। हेलंग रेणी से बहुत दूर नहीं है। आज लेंग से मन्दादरी देवी और उनकी साथियों ने कम्पनी राज और माफिया राज के खिलाफ शंखनाद किया है। उत्तराखंड के लोग धीरे-धीरे उनके साथ जुट रहे हैं। चिपको आन्दोलन का नया दौर शुरू हो रहा है।हेलंग एकजुटता मंच ने आवाहन किया कि १ सितंबर को सुबह ११ बजे पंत पार्क में पहुँचे
नैनीताल। कालाढूंगी के चकलुवा क्षेत्र में 38 वर्षीय युवक संदिग्ध परिस्थितियों में की देर शाम मौत हो गई. बताया जा रहा है कि चकलुवा के जंगल किनारे युवक का शव…
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