जोशीमठ में भू-धसाव ५०० से ऊपर मकानों में आयी दरार, मुख्यमंत्री ने ली समीक्षा बैठक

by Ganesh_Kandpal

Jan. 7, 2023, 9:46 a.m. [ 164 | 0 | 1 ]
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गेटवे ऑफ हिमालय’ के नाम से मशहूर जोशीमठ भू-धंसाव के कठिन दौर से गुजर रहा है। दिसंबर के महीने में क्षेत्र में कई जगहों पर भू-धंसाव की घटनाएं आई थीं। शहर के मनोहर बाग वार्ड, गांधी वार्ड और सिंधार वार्ड में लोगों ने घरों में दरार आने की बातें कही थी। नगर क्षेत्र में भू-धंसाव से मकानों के साथ कृषि भूमि के भी प्रभावित होने की घटनाएं आईं। यहां खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी और कई जगहों पर तो खेतों की दरारें एक फीट तक चौड़ी हो गईं।
इन घटनाओं के बाद प्रशासन भी हरकत में आया और चमोली जिला प्रशासन की ओर से संयुक्त टीम गठित की गई। टीम ने दो दिनों तक नगर में भू-धंसाव से प्रभावित मकानों के सर्वे किया। तहसील प्रशासन, नगर पालिका, आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम ने घर-घर जाकर बारीकी से निरीक्षण किया। जोशीमठ नगर में करीब दो हजार मकान हैं। रविवार तक भू-धंसाव से 581 मकानों में दरारें आ चुकी थीं। भू-धंसाव का सिलसिला सोमवार रात सामने आया जब कई मकानों में अचानक बड़ी दरारें आ गईं। इसके बाद तो पूरे नगर में खौफ फैल गया। मारवाड़ी वार्ड में स्थित जेपी कंपनी की आवासी कॉलोनी के कई मकानों में दरारें आईं। कॉलोनी के पीछे पहाड़ी से रात को ही अचानक मटमैले पानी का रिसाव भी शुरू हो गया। दरार आने से कॉलोनी का एक पुश्ता भी ढह गया। साथ ही बदरीनाथ हाईवे पर भी मोटी दरारें आईं। वहीं, तहसील के आवासीय भवनों में भी हल्की दरारें दिखीं। भू-धंसाव से ज्योतेश्वर मंदिर और मंदिर परिसर में दरारें आ गई।
सिंहधार वार्ड में बहुमंजिला होटल माउंट व्यू और मलारी इन जमीन धंसने से तिरछे हो गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक सोमवार रात करीब 10 बजे होटल की दीवारों से चटकने की आवाज आनी शुरू हो गई जिससे इन होटलों के पीछे रहने वाले पांच परिवारों के लोग दहशत में आ गए।जोशीमठ में भू-धंसाव की स्थिति मंगलवार को और खराब हुई। स्थानीय लोगों ने मंगलवार को जोशीमठ रॉक से पानी रिसता देखा। जमीन से निकल रहा पानी खेतों की दरारों में घुस रहा है इससे खतरा और भी बढ़ गया। मंगलवार को नगर के सभी नौ वार्डों में किसी न किसी मकान में दरारें आई। यहां से प्रशासन ने पांच प्रभावित परिवारों को मंगलवार को शिफ्ट किया जबकि कई प्रभावित घर छोड़कर चले गए।जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव ने विकराल रूप ले लिया। क्षेत्र के भी वार्डों के घरों दरारें आने से लोग दहशत में आ गए। जेपी कॉलोनी के 50 प्रभावितों को जेपी कंपनी ने और अलग-अलग वार्डों से 16 प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया। वहीं मारवाड़ी में भूमि से लगातार पानी का रिसाव होने से निचले क्षेत्र के भवन भी खतरे की चपेट में आ गए। नगर के सिंहधार वार्ड में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और आवासीय भवनों में भी दरारें आईं।
जोशीमठ स्थित औली रोपवे टावर के इर्दगिर्द की जमीन में भी दरारें आ गईं जिसके बाद रोपवे का संचालन अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया।
जेपी कंपनी के परिसर में संचालित होने वाला पोस्ट ऑफिस पानी के रिसाव होने से खतरे की जद में आ गया। इसके बाद पोस्ट ऑफिस को जोशीमठ के मुख्य डाकघर में शिफ्ट कर दिया गया। बुधवार को कार्यालय का सारा सामान हटा दिया गया। सिंहधार वार्ड में होटल माउंट व्यू जमीन धंसने से तिरछा हो गया। भू-धंसाव का क्षेत्र सेना और आईटीबीपी के मुख्यालय की ओर बढ़ना शुरू हो गया। सेना मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क में भी दरारें सामने आईं। जोशीमठ में भारतीय सेना का बिग्रेड मुख्यालय और आईटीबीपी की एक बटालियन तैनात है। जोशीमठ भारत तिब्बत सीमा (चीन के अधिकार क्षेत्र) का अंतिम शहर है। यहां से नीति और माणा घाटियां भारत तिब्बत सीमा से जुड़ती हैं।
जिला प्रशासन द्वारा जारी किए बुलेटिन के अनुसार भू-धंसाव ने सभी नौ वार्डों के 581 घरों में दरारें आ गईं। यहां 38 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया। जिला प्रशासन की 6 टीमें घर-घर जाकर सर्वे करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने मे जुटी रहीं। सुरक्षा को देखते हुए दो होटलों माउंट व्यू और मलारी इन को भी प्रशासन ने बंद कर दिया।
भू-धंसाव को देखते हुए गुरुवार को जिला प्रशासन ने जोशीमठ में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। इनमें एनटीपीसी की सभी परियोजनाएं, हेलंग बाईपास का निर्माण और नगर पालिका क्षेत्र में चल रहे सभी तरह के निर्माण शामिल हैं। इसके अलावा प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने के लिए एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को अग्रिम रुप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के आदेश भी जारी किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गुरुवार को विशेषज्ञों का एक दल स्थिति का मुआयना करने के लिए जोशीमठ पहुंचा। गढवाल कमिश्नर सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रन्जीत कुमार सिन्हा सहित विशेषज्ञों की पूरी टीम ने क्षेत्र में भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया। इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी जोशीमठ भूस्खलन के आकलन को लेकर एक 14 सदस्यीय समिति का गठन किया। प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी को समिति का संयोजक बनाया गया।
भू धंसाव मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राज्य सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक की है। इससे पहले मुख्यमंत्री का बयान भी आया। उन्होंने कहा, "जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव के सन्दर्भ में हम पूरी सजगता से कार्य कर रहे है, साथ ही उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर इस समस्या से संबंधी विषयों पर गहन मंथन कर हम इसके समाधान के लिए कार्यरत हैं। तकनीकी विशेषज्ञों की टीम वहां पहुंच चुकी है, मैं स्वयं भी जाकर स्थिति का जायजा लूंगा।"


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